जुमा खुतबा हिंदी Juma Khutba in Hindi Full

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मेरे इस्लामिक भाइयों एंव बहनों जुमा का खुतबा का मुद्दा है इबादत आइये इबादत जुमा का खुतबा को गौर से पढ़े एंव समझे Juma Khutba in Hindi

मुसलमान भाइयो! पिछले स्रुतबे में मैंने आपको दीन और शरीअत का मतलब समझाया था। आज मैं आपके सामने एक और शब्द की व्याख्या करूंगा जिसे मुसलमान आमतौर पर बोलते हैं, मगर बहुत कम आदमी इसका सही मतलब जानते हैं। यह ‘इवादत’ का शब्द है। अल्लाह तआला ने अपनी पाक किताब में बयान फर्माया है। Juma Khutba in Hindi

कि-

وَمَا خَلَقْتُ الْجِنَّ وَالْإِنسَ إِلَّا لِيَعْبُدُونِ

“मैंने जिन्न और इन्सान को इसके सिवा और किसी गरज के लिए नहीं पैदा किया कि वे मेरी इबादत करें।” इस आयत से मालूम हुआ कि आपकी पैदाइश और आपकी जिन्दगी का मक्सद अल्लाह की इबादत के सिवा और कुछ नहीं है।

अब आप अन्दाज़ा कर सकते हैं कि इबादत का मतलब जानना आपके लिए कितना जरूरी है। अगर आप इसके सही अर्थ को नहीं जानते होंगे तो मानो उस मक्सद ही को पूरा न कर सकेंगे, जिसके लिए आपको पैदा किया गया है. और जो चीज़ अपने मक्सद ही को नहीं पूरा करती. वह नाकाम होती है। Juma Khutba in Hindi

  • डॉक्टर अपर मरीज को अच्छा न कर सके तो कहते हैं कि वह इलाज में असफल रहा।
  • किसान अगर फसल न पैदा कर सके तो कहते हैं कि खेती में वह नाकाम हुआ।
  • इसी प्रकार अगर आप अपनी ज़िन्दगी के अस्ल मक्सद यानी ‘इबादत’ को पूरा न कर सके तो कहना चाहिए कि आपकी सारी ज़िन्दगी ही नाकामियाब हुई।
  • इसलिए में चाहता हूं कि आप पूरे ध्यान से इबादत का मतलब सुने और समझें और उसे अपने दिल में जगह दें.
  • क्योंकि इसी पर आपके जीवन की सफलता या असफलता निर्भर है

जुमा खुतबा हिंदी में | Juma Khutba | इबादत

इबादत का शब्द ‘अब्द’ से निकलता है। अब्द के माने ब गुलाम के हैं। इसलिए इबादत के माने बन्दगी और गुलामी के हुए। शख्स किसी का अन्दा हो, अगर वह उसकी खिदमत में बन्दा बन कर रहे और उसके साथ इस तरह पेश आये जिस तरह मालिक के सामने आना चाहिए, तो यह बन्दगी और इबादत है। Juma Khutba in Hindi

  • इसके खिलाफ जो मनुष् किसी का बन्दा हो और मालिक से तनख्वाह भी पूरी-पूरी वसूल करता मगर मालिक के सामने बन्दों का सा काम न करें तो इसे नाफरमानी और सरकशी कहा जाता है। बल्कि ज्यादा सही शब्दों में इसे नमकहरामी कहते है। अब गौर कीजिए कि मालिक के सामने बन्दों का सा तरीका अपनाने की सूरत क्या है?
  • बन्दे का पहला काम यह है कि मालिक ही को मालिक समझे और यह विचार करे कि जो मेरा मालिक है, जो मुझे रोटी देता है, जो मेरी रक्षा और देखभाल करता है. उसी की वफादारी मुझ पर फ़र्ज़ है। उसके सिवा और कोई इसका हकदार नहीं कि मैं उसकी वफादारी करूं।
  • बन्दे का दूसरा काम यह है कि हर वक्त मालिक का कहा करे. उसका हुक्म बजा लाए. कभी उसकी खिदमत से मुहं न मोड़े और मालिक की मर्जी के खिलाफ़ न खुद अपने दिल से कोई बात करे न किसी दूसरे आदमी की बात माने। दास हर वक्त हर हालत में दास है. उसे यह कहने का हक नहीं कि स्वामी की अमुक बात मानूंगा और अमुक बात न मानूंगा या इतनी देर के लिए मैं स्वामी का दास हूं और बाकी वक्त में उसकी गुलामी से आजाद हूँ।
  • बन्दे का तीसरा काम यह है कि मालिक का अदब और उसकी इज्जत करे. जो तरीका अदब और ताज़ीम करने का मालिक ने मुकर्रर किया हो उसकी पैरवी करे. जो वक्त सलामी के लिए हाज़िर होने का ने मुकर्रर किया हो. उस वक्त जरूर हाज़िर हो और इस बात का सबूत दे कि मैं उसकी वफादारी और इताअत में साबित क़दम बस यही तीन चीजें हैं, जिनसे मिलकर इबादत बनती है।
  • एक मालिक की वफादारी, दूसरे मालिक की इताअत और तीसरे उसका अदव और उसकी ताज़ीम अल्लाह तआला ने जो फरमाया कि

ومَا خَلَقْتُ الْجِنَّ وَالْإِنسَ إِلَّا لِيَعْبُدُونِ

तो इसके माने हकीकत में यही है कि अल्लाह तआला ने जिनों और इन्सानों को इसलिए पैदा किया है कि वे सिर्फ अल्लाह के वफादार हो. उसके खिलाफ किसी और का हुक्म न मानें और सिर्फ उसके आगे अदब और ताज़ीम से सिर झुकायें, किसी दूसरे के आगे सिर न झुकायें। Juma Khutba in Hindi

इन्हीं तीन बातों को अल्लाह ने ‘इबादत’ के सिर्फ एक शब्द में बयान किया है। यही मतलब उन तमाम आयतों का है जिनमें अल्लाह तआला ने अपनी इबादत का हुक्म दिया है और हमारे नबी करीम और आपसे पहले जितने नवी ख़ुदा की ओर से आए हैं, इन सब की तालीम का सारा निचोड़ यह है कि :

الا تَعْبُدُوا الا اياه

‘अल्लाह के सिवा किसी की इबादत न करो।” अर्थात् केवल एक बादशाह है, जिसका तुम्हें वफादार होना चाहिए और वह बादशाह अल्लाह है।

केवल एक कानून है जिसकी तुम्हें पैरवी करनी चाहिए और वह कानून अल्लाह का कानून है और केवल एक ही हस्ती है जिस की तुम्हें पूजा और बन्दगी करनी चाहिए और वह हस्ती अल्लाह की है। Juma Khutba in Hindi

जुमा का खुतबा हिंदी | Juma Khutba in Hindi

इबादत का यह अर्थ अपने दिमाग में रखिए और फिर जरा मेरे सवालों का जवाब देते जाइए।

आप उस नौकर के बारे में क्या कहेंगे जो मालिक की मुकर्रर की हुई ड्यूटी पर जाने के बजाये हर वक्त उसके सामने हाथ बांधे खड़ा रहे और लाखों बार उसका नाम जपता चला जाये? मालिक उससे कहता है। कि जाकर फलां-फ्लॉ लोगों के हक अदा कर, मगर यह जाता नहीं बल्कि वहीं खड़े-खड़े मालिक को झुक-झुककर दस सलाम करता है और फिर हाथ बांध कर खड़ा हो जाता है। Juma Khutba in Hindi

आका उसे हुक्म देता है कि जा फ्लॉ-फ्लॉ खराबियों को मिटा दे, मगर यह एक इन्च वहां से नहीं हटता और सज्दे पर सज्दे किए जाता है। मालिक हुक्म देता है कि चोर का हाथ काट दें, यह हुक्म सुनकर बस वहीं खड़े-खड़े बहुत सुरीली आवाज़ से ‘चोर का हाथ काट दे, चीर का हाथ काट दें’ बीसियों बार पढ़ता रहता है मगर एक बार भी हुकूमत का वह ढांचा बनाने की कोशिश नहीं करता, जिसमें चोर का हाथ काटा जा सके।

क्या आप कह सकते हैं कि यह आदमी वाकई मालिक की बन्दगी कर रहा है? अगर आपका कोई नौकर यह तरीका अपनाये तो मैं जानता हूँ कि आप इसे क्या कहेंगे। मगर हैरत है आप पर कि ख़ुदा का जो नौकर ऐसा करता है आप उसे बड़ा इबादतगुज़ार कहते हैं। Juma Khutba in Hindi

यह जालिम सुबह से शाम तक खुदा जाने कितनी बार कुरआन शरीफ में ख़ुदा के हुक्म पड़ता है मगर उन हुक्मों को बजा लाने के लिए अपने स्थान से हिलता तक नहीं, बल्कि नफ़्ल पर नफ़्ल पढ़े जाता है। हज़ार दाना तस्बीह पर ख़ुदा का नाम जपता है और सुरीली आवाज़ में कुरआन की तिलावत करता रहता है। आप उसकी यह हरकतें देखते हैं और कहते हैं। कि कैसा ज़ाहिद आबिद धन्दा है। यह भ्रम सिर्फ इसलिए है कि आप इबादत का सही मतलब नहीं समझते।

एक और नौकर है जो रात दिन ड्यूटी तो दूसरों की बजा लाता है. हुक्म दूसरों के सुनता और मानता है, कानून पर दूसरों के चलता है। अपने अस्ल मालिक के कहने के हर वक्त खिलाफ करता है, मगर सलामी के वक़्त मालिक के सामने हाज़िर हो जाता है और जुबान से मालिक का ही नाम जपता रहता है। अगर आप में से किसी का नौकर यह तरीका अपनाए तो आप क्या करेंगे? Juma Khutba in Hindi

क्या आप उसकी सलामी उसके मुंह पर न मार देंगे? जब वह जुबान से आपको स्वामी और मालिक कहेगा तो क्या आप तुरन्त यह जवाब न देंगे कि तू परले दर्जे का झूठा और बेईमान है। तनख्वाह मुझसे लेता है और नौकरी दूसरों की करता है। जुबान से मुझे मालिक कहता है और वास्तव में मेरे सिवा हर एक की खिदमत करता फिरता है? Juma Khutba in Hindi

यह तो एक मामूली अक्ल की बात है जिसे आप में से प्रत्येक व्यक्ति समझ सकता है। मगर कितनी अचरज की बात है कि जो लोग रात-दिन ख़ुदा के कानून को तोड़ते हैं, काफिरों और मुश्शिकों के कहने पर चलते हैं। और अपनी ज़िन्दगी के मामलों में ख़ुदा के हुक्म की कोई परवाह नहीं करते। उनकी नमाज़ और रोजे और तस्बीह और तिलावते कुरआन और हज व जकात को आप ख़ुदा की इबादत समझते हैं। यह भ्रम भी इसी कारण है कि आप इबादत के अस्ल मतलब को नहीं जानते हैं।

एक और नौकर की मिसाल लीजिए। मालिक ने अपने नौकरों के लिए जो वर्दी मुकर्रर की है। यह ठीक नाप-तौल के साथ उस वर्दी को पहनता है, बड़े अदब और ताजीम के साथ मालिक की सेवा में हाजिर होता है. हर हुक्म को सुनकर इस तरह झुककर ‘सर आंखों पर’ कहता है मानों इससे बढ़कर हुक्म मानने वाला नौकर कोई नहीं।

सलामी के वक्त सब के आगे जाकर खड़ा होता है और मालिक का नाम जपने में तमाम नौकरों से बाजी ले जाता है मगर दूसरी ओर यही नौकर मालिक के दुश्मनों और बागियों की खिदमत बजा लाता है, मालिक के खिलाफ इनकी साजिशों में भाग लेता है और मालिक के नाम को संसार से मिटाने में जो कोशिश भी वे करते हैं, उसमें यह कमबख्त उनका साथ देता है। Juma Khutba in Hindi

रात के अन्धेरे में तो मालिक के घर में नकब लगाता है और सुबह बड़े बफादार नौकरों की तरह हाथ बांधकर मालिक की सेवा में हाजिर हो जाता है। ऐसे नौकर के बारे में आप क्या कहेंगे? यही ना, कि वह मुनाफिक है. बागी है, नमकहराम है. मगर ख़ुदा के जो नौकर ऐसे हैं उनको आप क्या कहा करते हैं?

किसी को पीर साहेब और किसी को हज़रत मौलाना और किसी को दीनदार मुत्तकी और इबादतगुज़ार, यह केवल इसलिए कि आप उनके मुंह पर पूरे नाप की डाढ़ियां देखकर उनके टखनों से दो-दो इंच ऊपर पाजामे देखकर उनके माथों पर नमाज़ के घट्टे देखकर, और उनकी लम्बी-लम्बी नमाजें और मोटी-मोटी तसबीहें देखकर समझते हैं कि बड़े द्रीनदार और इबादतगुज़ार हैं। यह भ्रम भी इसी कारण है कि आपने इबादत और दीनदारी के माने ही गलत समझे हैं। Juma Khutba in Hindi

  • आप समझते हैं कि हाथ बांधकर किल्ले की ओर मुंह करके खड़े होना, घुटनों पर हाथ रखकर झुकना, जमीन पर हाथ टेककर सज्दा करना और कुछ मुकर्रर लफ्ज जुबान से निकालना बस, यही थोड़े से काम और हरकते ही इबादत हैं।
  • आप समझते हैं कि रमजान की पहली तारीख से शव्वाल का चांद निकलने तक रोजाना सुबह से शाम तक भूखे प्यासे रहने का नाम इबादत है।
  • आप समझते हैं कि कुरआन के कुछ रुकूअ जुबान से पढ़ देने का नाम इबादत है।
  • आप समझते हैं मक्का शरीफ जाकर काबे के चारों ओर तवाफ करने का नाम इबादत है

गरज आपने कुछ कामों की ज़ाहिरी शक्लों का नाम इबादत रख छोड़ा है और जब कोई आदमी इन शक्लों के साथ इन कामों को पूरा कर लेता है तो आप विचार करते हैं कि उसने ख़ुदा की इबादत कर दी और

وَمَا خَلَقْتُ الْجِنَّ وَالإِنسَ إِلَّا لِيَعْبُدُونِ

का मक्सद पूरा हो गया। अब वह अपनी ज़िन्दगी में आज़ाद है कि जो चाहे करे।

लेकिन अस्ल हकीकत यह है कि अल्लाह ने जिस इबादत के लिए आपको पैदा किया है और जिसका आपको हुक्म दिया है वह कुछ और ही चीज़ है। Juma Khutba in Hindi

वह इबादत यह है कि आप अपनी ज़िन्दगी में हर वक्त, हर हाल में ख़ुदा के कानून पर चलें और हर उस कानून की पाबन्दी से आज़ाद हो जायें जो कानूने इलाही के ख़िलाफ़ हो।

आपकी हर हरकत उस हद के भीतर हो जो खुदा ने आपके लिए खींच दी है। आपका हर काम उस तरीके के अनुसार हो जो ख़ुदा ने बता दिया है। इस ढंग से जो जीवन आप बितायेंगे वह पूरे का पूरा इबादत होगा। Juma Khutba in Hindi

जुम्मा का खुतबा हिंदी में | इबादत | Juma Khutba in Hindi

ऐसे जीवन में आपका सोना भी इबादत है और जागना भी खाना भी इबादत है और पीना भी चलना फिरना इबादत है और बात करना भी, यहां तक कि बीवी के पास जाना और अपने बच्चों को प्यार करना भी इबादत है। जिन कामों को आप बिल्कुल दुनियादारी कहते हैं’ वे सब दीनदारी और इबादत है। Juma Khutba in Hindi

अगर आप इनके करने में ख़ुदा की खींची हुई हवों की परवा करें और जिन्दगी में हर- हर कदम पर देखकर चलें कि खुदा के नजदीक जायज क्या है और नाजायज क्या हलाल क्या है और हराम क्या. फर्ज क्या चीज की गई है। और मना किस चीज़ से किया गया है. किस से खुदा खुश होता है और किस से नाराज होता है।

मसलन आप रोजी कमाने के लिए निकलते हैं, इस काम में बहुत से मौके ऐसे भी आते हैं जिनमें हराम का माल काफी आसानी के साथ आपको मिल सकता है। अगर आपने ख़ुदा से डरकर वह माल न लिया और सिर्फ हलाल की रोटी कमा कर लाये, तो यह जितना वक्त आपने रोटी कमाने में खर्च किया.

यह सब इबादत थी और वह रोटी घर लाकर जो आपने खुद खाई और अपनी बीवी बच्चों और ख़ुदा के बताये हुए दूसरे हकदारों को खिलाई. इस सब पर आप अत्र व सवाब के मुस्तहिक हो गए। आपने अगर रास्ता चलने में कोई पत्थर या कांटा हटा दिया इस विचार से कि खुदा के बन्दों को ठोकर न लगे, तो यह भी इबादत है। Juma Khutba in Hindi

आपने अगर बीमार की सेवा की या किसी अन्धे को रास्ता चलाया या किसी मुसीबत के मारे हुए की मदद की तो यह भी इबादत है। आपने अगर बातचीत करने में झूठ से गीबत से गाली बकने और दिल दुखाने से परहेज किया और ख़ुदा से डर कर सिर्फ हक की बात की तो जितना समय आपने बातचीत में बिताया, वह सब इबादत में बीता।

तो, ख़ुदा की असली इबादत यह है कि होश संभालने के बाद से मरते दम तक आप ख़ुदा के कानून पर चलें और उसके हुक्मों के मुताबिक जीवन बितायें।

इस इबादत के लिए कोई वक्त मुकर्रर नहीं है। यह इबादत हर वक्त होनी चाहिए। इस इबादत के लिए कोई शक्ल नहीं है। हर काम और हर शक्ल में उसी की इबादत होनी चाहिए। जब आप यह नहीं कह सकते कि में फ़्लां वक्त ख़ुदा का बन्दा हूं और फ्लो वक्त उसका बन्दा नहीं हूँ, तो आप यह भी नहीं कह सकते कि फलां वक्त उसकी बन्दगी और इबादत के लिए है और फ्ला वक्त उसकी इबादत और बन्दगी के लिए नहीं है

भाइयो! आपको इबादत के माने मालूम हो गए और यह भी मालूम हो गया कि जिन्दगी में हर वक्त हर हाल में ख़ुदा की बन्दगी और उसके हुक्म पर चलने का नाम ही इबादत है। Juma Khutba in Hindi