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Saturday, April 20, 2024

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हजरत अबू बकर सिद्दीक का वाकया Hazrat Abu Bakar Siddique Ka Waqia Full

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हजरत अबू बकर सिद्दीक का वाकया | Hazrat Abu bakar Siddique Ka Waqia In Hindi | Hazrat Abu Bakr siddique ki zindagi | hazrat abu bakr siddique history in hindi

Hazrat Abu Bakar Siddique

खलीफ-ए-अव्वल जानशीने पैग़म्बर अमीरूल मोमिनीन हज़रत अबू बकर सिद्दीक अक्बर का नामे नामी “अब्दुल्लाह” अबू बकर” आप की कुन्नियत और “सिद्दीक व अतीक” आप का लकब है। आप कुरैशी हैं और सातवीं पुश्त में आप का नसब रसूलुल्लाह के खानदानी राजरह से मिल जाता है। Hazrat Abu Bakar Siddique Ka Waqia In Hindi

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आप आमुलफील के ढाई साल बाद मक्का में पैदा हुए। आप इस कदर कमाल और फजीलतों वाले हैं कि अंबिया के बाद तमाम अगले और पिछले इंसानों में सब से अफ़ज़ल व आला हैं। आज़ाद मर्दों में सब से पहले इस्लाम कबूल किया और सफ़र व वतन के तमाम हालात व इस्लामी जिहादों में मुजाहिदाना कारनामों के साथ शामिल हुए और सुलह व जंग के तमाम फ़ैसलों में आप शहंशाहे मदीना के वज़ीर व मुशीर बन कर नुबुव्वत के मंज़िलों के हर हर मोड़ पर आप के दोस्त व जाँ निसार रहे। Hazrat Abu Bakar Siddique Ka Waqia In Hindi

दो साल तीन माह ग्यारह दिन मस्नदे ख़िलाफ़त पर रौनक अफ़रोज़ रह कर 22 जमादिल आखिर 13 हिजरी मंगल की रात वफात पाई। हज़रते उमर ने नमाज़े जनाज़ा पढ़ाई और रोज़ए। मुनव्वरह में हुजूर रहमते आलम के पहलू में दफ़न हुए। (अकमाल व तारीखुल खुलफा) Hazrat Abu Bakar Siddique Ka Waqia In Hindi

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हजरत अबू बकर सिद्दीक का वाकया

एक वाकया हजरत अबू बकर सिद्दीक का खाने में बड़ी बरकत को आगे लिख रहे आइये पढ़े Hazrat Abu Bakar Siddique Ka Waqia In Hindi

खाने में बड़ी बरकत | Hazrat Abu Bakar Siddique Ka Waqia

हज़रत अब्दुर्रहमान बिन अबू बकर सिद्दीक का बयान है कि एक मर्तबा हज़रत अबू बकर बारगाहे रिसालत के तीन मेहमानों को अपने घर लाए और खुद हुजूरे अकरम की ख़िदमते अकदस में हाज़िर हो गए और बात चीत में व्यस्त रहे ।

यहाँ तक कि रात का खाना आप ने दस्तर ख्वाने नुबुवत पर खा लिया और बहुत ज्यादा रात गुज़र जाने के बाद मकान पर वापस तशरीफ लाए। उन की बीवी ने अर्ज़ किया कि आप अपने घर पर मेहमानों को बुला कर कहीं गायब रहे?

हज़रत सिद्दीके अकबर ने फरमाया कि क्या अब तक तुम ने मेहमानों को खाना नहीं खिलाया? बीवी साहिबा ने कहा कि मैंने खाना पेश किया। मगर उन लोगों ने साहिबे खाना की गैर मौजूदगी में खाना खाने से इन्कार कर दिया। Hazrat Abu Bakar Siddique Ka Waqia In Hindi

यह सुन कर आप साहबज़ादे हज़रत अब्दुर्रहमान पर बहुत ज़्यादा नाराज हुए और वह खौफ व दहशत की वजह से छुप गए और आप के सामने नहीं आए फिर जब आप का गुस्सा ख़त्म हो गया तो आप मेहमानों के साथ खाने के लिए बैठ गए और सब मेहमानों ने खूब पेट भर कर खाना खा लिया।

उन मेहमानों का बयान है कि जब हम खाने के बरतन में से लुक्मा उठाते थे तो जितना खाना हाथ में आता था। उस से कहीं ज्यादा खाना बरतन में नीचे से उभर कर बढ़ जाता था। और जब हम खाने से फारिग हुए तो खाना बजाए कम होने के बरतन में पहले से ज़्यादा हो गया।

हज़रते सिद्दीके अकबर ने हैरान हो कर अपनी बीवी साहिबा से फ़रमाया कि यह क्या मामला है कि बरतन में खाना पहले से कुछ ज्यादा नज़र आता है। बीवी साहिबा ने कसम खा कर कहा वाकई यह खाना तो पहले से तीन गुना बढ़ गया है। फिर आप उस खाने को बारगाहे रिसालत में ले गए।

जब सुबह हुई तो अचानक मेहमानों का एक काफिला दरबारे रिसालत में उतरा जिस में बारह क़बीलों के बारह सरदार थे और हर सरदार के साथ दूसरे सत्तर सवार थे उन सब लोगो ने यही खाना खाया और काफला के तमाम सरदार और तमाम मेहमानों का गिरोह उस खाने से शिकम सैर होकर आसुदह हो गयें लेकिन फिर भी उस बर्तन में खाना खत्म नहीं हुआ

हजरत अबूबक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु अन्हु 10 जन्नती सहाबा में से एक आगे जाने 10 जन्नती सहाबा के नाम क्लिक से अन्य वाक्य के लिए क्लिक करे Hazrat Abu Bakar Siddique Ka Waqia In Hindi

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