क़ल्ब ए आशिक़ है अब पारा पारा Qalb e aashiq hai Naat Lyrcis qalb e aashiq hai ab para para lyrics kalbe aashiq hua para para lyrics in Hindi
क़ल्ब ए आशिक़ है अब पारा पारा नात लिरिक्स
- क़ल्ब-ए-‘आशिक़ है अब पारा पारा
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
- कुल्फ़त-ए-हिज्र-ओ-फ़ुर्क़त ने मारा
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
- तेरे आने से दिल ख़ुश हुआ था
- और ज़ौक़-ए-‘इबादत बढ़ा था
- आह ! अब दिल पे है ग़म का ग़लबा
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
मस्जिदों में बहार आ गई थी - जौक़-दर-जौक़ आते नमाज़ी
- हो गया कम नमाज़ों का जज़्बा
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
- बज़्म-ए-इफ़्तार सजती थी कैसी
- ख़ूब सहरी की रौनक़ भी होती
- सब समाँ हो गया सूना सूना
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
- तेरे दीवाने अब रो रहे हैं
- मुज़्तरिब सब के सब हो रहे हैं
- हाए ! अब वक़्त-ए-रुख़्सत है आया
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
- तेरा ग़म हम को तड़पा रहा है
- आतिश-ए-शौक़ भड़का रहा है
- फट रहा है तेरे ग़म में सीना
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
- याद रमज़ाँ की तड़पा रही है
- आँसूओं की झड़ी लग गई है
- कह रहा है ये हर एक क़तरा
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
- हसरता ! माह-ए-रमज़ाँ की रुख़्सत
- क़ल्ब-ए-‘उश्शाक़ पर है क़ियामत
- कौन देगा उन्हें अब दिलासा
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
- तुम पे लाखों सलाम, माह-ए-ग़ुफ़राँ !
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
- जाओ हाफ़िज़ ख़ुदा अब तुम्हारा
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
- नेकियाँ कुछ न हम कर सके हैं
- आह ! ‘इस्याँ में ही दिन कटे हैं
- हाए ! ग़फ़्लत में तुझ को गुज़ारा
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
- वासिता तुझ को मीठे नबी का
- हश्र में हम को मत भूल जाना
- रोज़-ए-महशर हमें बख़्शवाना
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
- जब गुज़र जाएँगे माह ग्यारह
- तेरी आमद का फिर शोर होगा
- क्या मेरी ज़िंदगी का भरोसा
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
- माह-ए-रमज़ाँ की रंगीं फ़ज़ाओ !
- अब्र-ए-रहमत से मम्लू हवाओं !
- लो सलाम आख़िरी अब हमारा
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
- कुछ न हुस्न-ए-‘अमल कर सका हूँ
- नज़्र चंद अश्क़ मैं कर रहा हूँ
- बस यही है मेरा कुल असासा
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
- हाए ! ‘अत्तार-ए-बद-कार काहिल
- रह गया ये ‘इबादत से ग़ाफ़िल
- इस से ख़ुश हो के होना रवाना
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
- साल-ए-आइंदा, शाह-ए-हरम ! तुम
- करना ‘अत्तार पर ये करम तुम
- तुम मदीने में रमज़ाँ दिखाना
- अल-वदा’अ, अल-वदा’अ, माह-ए-रमज़ाँ !
क़ल्ब ए आशिक़ है अब पारा पारा Qalb e aashiq hai Naat Lyrcis
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- Aur Zoak-e-Ibadat Badha Tha,
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- Khoob Sehri ki rounaq bhi Hoti
- Ho gaya sub sama suna suna
- Alwada Alwada Mahe Ramazan
- Kuch na Husne Amal Kar saka Hoon
- Nazr chand Ashk Mein kar raha hoon
- Bas Yehi hai mera kul asasa
- Alwada Alwada Mahe Ramazan
- Tum Pe Lakhon Salam Mahe Ramazan
- Tum Pe Lakhon Salam Mahe Ghufran
- Jao Hafiz Khuda Ab Tumhara
- Alwada Alwada Mahe Ramazan
- Wasta Tujh Ko Pyare Nabi ﺼﻟﻰﷲﻋﻟﻴﻪ ﻮﺴﻟﻣ Ka
- Hashr Mein Hum ko na bhool Jana
- Roze Mehshar Hu ko baqsh wana
- Alwada Alwada Mahe Ramazan
- Jub Guzar Jayenge Mah Giyara,
- Teri Aamad Ka Phir Shore Hoga,
- Kiya Bharosa meri zindagi ka,
- Alwada Alwada Mah-e-Ramazan.
- Sal-e- A’inda Shahe Haram Tum
- Karna Par Yeh Karam Tum ( صلى الله عليه وسلم)
- Phir Madine Mein Ramazan Dikhana
- Alwada Alwada Mahe Ramazan
- Tere Diwane Sub Ke Sub Ro Rahe Hain,
- Muztarib Sub Ke Sub Ho Rahe Hain,
- Kaun Dega Inhe Ab Dilasa,
- Alwada Alwada Mahe Ramazan.
- Naikiyan Kuch Na Hum Kar Sakain Hain,
- Aah Issiya He Main Din Katain Hain,
- Haaye Gaflat Main Tujh Ko Guzara,
- Alvada Alvada Mah-e-Ramazan.
- Sag-e-ATTAR, Badkar, kahil,
- Rah Gaya Yeh Ibadat Se Gaafil,
- Is Se khush Hoke Hona Rawana,
- Hum Sub Se Khush Hoke Hona Rawana,
- ALVIDA ALVIDA MAHE-E-RAMAZAN,
- ALVIDA ALVIDA MAHE-E-RAMAZAN.
क़ल्ब ए आशिक़ है अब पारा पारा Qalb e aashiq hai Naat Lyrcis