नात हिंदी में लिखा हुआ Naat Hindi Main Likha Hua | New Naat Sharif In Hindi | Naat e Kalam | Ala Hazrat Naat Sharif Hindi Me Likha Hua
नात हिंदी में लिखा हुआ | Naat Hindi Main Likha Hua
नात शरीफ का गुलदस्ता हिंदी में लेकर हाजिर है अगर आप नात पढ़ने के शौक़ीन है ऐसे में यह नात का गुलदस्ता शायद आपको पसंद आ जाए मेरे प्यारे प्यारे भाइयो हम नात लिखने में काफी मेहनत करते है इस मेहनत को आप चाहे तो सफल बना सकते है इसके लिए केवल आपको हमारी कोई नात पसंद आये लिखी हुई तो आप उसको शेयर जरुर करें चलिए आगें पढ़ते है नात ए कलाम हिंदी में लिखा हुआ
- मेरा जीना मेरा मरना इलाही तेरी खातिर हो नात शरीफ
- मेरी आंखें तरसती है यारब नात हिंदी में लिखा हुआ
- नात -ए मुस्तफा सुनकर रूह जब मचलती है
- करम पर करम इस कदर अल्लाह – अल्लाह नात ए कलाम [Naat Hindi Main Likha Hua]
मेरा जीना मेरा मरना इलाही तेरी खातिर हो
मेरा जीना मेरा मरना इलाही तेरी खातिर हो।
Naat Hindi Main Likha Hua
मेरा रुकना मेरा चलना इलाही तेरी खातिर हो।
मसाजिद में मजालिस में तू ही तू हो मेरे दिल में ।
मेरा रोना मेरा हंसना इलाही तेरे खातिर हो ।
मेरा जीना मेरा मरना इलाही तेरी खातिर हो।
मेरा रुकना मेरा चलना इलाही तेरी खातिर हो।
जमाना ढल रहा है मगरिबी तहजीब में लेकिन ।
मेरा हर रंग में ढलना इलाही तेरे खातिर ।
तेरी मनसा मेरी मंजिल ये दिल एक पल ना हो गाफिल।
सरे मैदान मेरा गिरना इलाही तेरे खातिर ।
मेरा हाजत रवा तू है मेरा मुश्किल कुशा तू है।
जफा करना वफा करना इलाही तेरे खातिर ।
मेरा जीना मेरा मरना इलाही तेरी खातिर हो।
मेरा रुकना मेरा चलना इलाही तेरी खातिर हो।
तेरी चाहत की दावत में शरे बाजार यूं फिर ना ।
मेरा गोसां नसी रहना इलाही तेरी खातिर हो ।
वफा की राह में चलते हुए दीवाने हुद -हुद का ।
गुबारे राह को मलना इलाही तेरी खातिर हो ।
मेरा जीना मेरा मरना इलाही तेरी खातिर हो।
मेरा रुकना मेरा चलना इलाही तेरी खातिर हो।
मेरी आंखें तरसती है यारब नात हिंदी में लिखा हुआ
मेरी आंखें तरसती है यारब ।
Naat Hindi Main Likha Hua
मुझको बागे मदीना दिखा दे ।
प्यार से जिंदगी देने वाले ।
मुझको प्यारे नबी से मिला दे ।
कर्बला में हुसैन इब्ने हैदर ।
हक से फरमाया खून में नहा कर ।
ताज शाही याजीदों को देकर ।
मुझको जामे शहादत पिला दे ।
मेरी आंखें तरसती है यारब ।
मुझको बागे मदीना दिखा दे ।
लेकर तलवार फारुक घर से ।
कत्ल करने चले थे नबी को ।
पास पहुंचे तो की अर्ज रोककर ।
मेरे महबूब कलमा पढ़ा दे ।
तन पे खा खा के जालिम के कोड़े ।
हंस के बोले बिलाल -ए हब्सी ।
मैं ना छोडूंगा दामन नबी का ।
बेहया चाहे जितनी सजा दे ।
मेरी आंखें तरसती है यारब ।
मुझको बागे मदीना दिखा दे ।
नात -ए मुस्तफा सुनकर रूह जब मचलती है | Naat Sharif Hindi Main Likha Hua
नात -ए मुस्तफा सुनकर रूह जब मचलती है
Naat Hindi Main Likha Hua
आशिकों के चेहरे से चांदनी निकलती हैं !!
उनके सदके खाते हैं उनके सदके पीते हैं !
मुस्तफा की चौखट से कायनात पलती है !!
थामकर सहेदी की रहमतों की ऊंगली को !
जन्नते मुहब्बत में जिंदगी टहलती है !!
काश वो नजर आते खवाब के तरीके से !
मेरी दी-दये हसरत पहरों आँख मलती है !!
लफ्ज -ए कून के जलवे में मुस्तफा का जलवा हैं !
नूरे मुस्तफा -ई में कायनात ढ़लती है !!
करम पर करम इस कदर अल्लाह – अल्लाह
करम पर करम इस कदर अल्लाह – अल्लाह
Naat Hindi Main Likha Hua
मदीने के शामों -शहर अल्लाह – अल्लाह !!
दो आलम में जिसका नही कोई सानी
वो मां आईशा का है घर अल्लाह – अल्लाह
खुदा उनसे राजी वो राजी खुदा से
है कुरआन में ये खबर अल्लाह – अल्लाह !!
अबु बकर फारूक वो उसमानों हैदर
नबी के हैं जानों – जिगर अल्लाह – अल्लाह !!
करम पर करम इस कदर अल्लाह – अल्लाह
मदीने के शामों – शहर अल्लाह – अल्लाह !!