Karbala Naat Sharif Lyrics: मेरे प्यारे भाइयों और बहनों कर्बला की जंग क्यों हुई थी? क्या आपको पता है आगे जाने कर्बला की जंग का वाकया हिंदी में क्लिक से
Karbala Naat Sharif Lyrics
- शमशीर करबला में उठाई हुसैन ने
- अज़मत नबी के दीं की बचाई हुसैन ने
- ऐसा लगा के आ गए मैदान में अली
- जब रन में ज़ुल्फ़िक़ार चलाई हुसैन ने
- शमशीर करबला में उठाई हुसैन ने
- अज़मत नबी के दीं की बचाई हुसैन ने
- लगता था जैसे इश्क़ का काबा झुका हुवा
- सजदे में जब ज़बीन झुकाई हुसैन ने
- शमशीर करबला में उठाई हुसैन ने
- अज़मत नबी के दीं की बचाई हुसैन ने
- जन्नत में ला के सूए जहन्नम से खींच कर
- क़िस्मत जनाबे-हुर्र की जगाई हुसैन ने
- शमशीर करबला में उठाई हुसैन ने
- अज़मत नबी के दीं की बचाई हुसैन ने
- हाथों में ले के असग़रे-मज़लूम का लहू
- ज़ुल्मों-सितम की आग बुझाई हुसैन ने
- शमशीर करबला में उठाई हुसैन ने
- अज़मत नबी के दीं की बचाई हुसैन ने
- एक इन्क़िलाब आ गया मैदाने-जंग में
- अकबर को जब ज़बान चुसाई हुसैन ने
- शमशीर करबला में उठाई हुसैन ने
- अज़मत नबी के दीं की बचाई हुसैन ने
- तयबा है दर्सगाह, मदरसा शहे-उमम
- तालीमइस तरह से है पाई हुसैन ने
- शमशीर करबला में उठाई हुसैन ने
- अज़मत नबी के दीं की बचाई हुसैन ने
- सर कट गया है फिर भी नेज़े की नोक पर
- आयत कलामे-हक़ की सुनाई हुसैन ने
- शमशीर करबला में उठाई हुसैन ने
- अज़मत नबी के दीं की बचाई हुसैन ने
- मुमताज़ करबला से सदा आती है यहीं
- बिगड़ी हर एक बात बनाई हुसैन ने
- शमशीर करबला में उठाई हुसैन ने
- अज़मत नबी के दीं की बचाई हुसैन ने
~Karbala Naat Sharif Lyrics
कर्बला की नात शरीफ लिरिक्स
हर जुल्म से लड़ने को तैयार हुसैनी हैं
तुम सोया समझ ते हो बेदार हुसैनी हैं
नेज़ की बुलंदी पर हर सर ये बटाता है
सरदार हुसैनी द सरदार हुसैनी हैं
हर जुल्म से लड़ने को तैयार हुसैनी हैं
तुम सोया समझ ते हो बेदार हुसैनी हैं
सरकार की अज़मत पर घर बार लुटेते हैं
दिलदार हुसैनी दिलदार हुसैनी हैं
हर जुल्म से लड़ने को तैयार हुसैनी हैं
तुम सोया समझ ते हो बेदार हुसैनी हैं
हर जुल्म से लड़ने को तैयार हुसैनी हैं
तुम सोया समझ ते हो बेदार हुसैनी हैं
ख्वाजा की करामात से साबिर की जलालत से
क्या अब भी नहीं समझे मुख्तार हुसैनी हैं
हर जुल्म से लड़ने को तैयार हुसैनी हैं
तुम सोया समझ ते हो बेदार हुसैनी हैं
हर जुल्म से लड़ने को तैयार हुसैनी हैं
तुम सोया समझ ते हो बेदार हुसैनी हैं
~Muharram Karbala Naat Lyrcis
Karbala Naat Sharif Lyrics In Hindi
कातले हुसैन असल में मरगे यज़ीद हे
इस्लाम जिंदा होता हे हर कर्बला के बाद
ओ शिम्र ला-ईन जालिम क्या जुल्म किया तू ने
प्यासा ही गला काटा पानी न दिया तू ने
लाश ऐ जब असगर की मा कहने लगी रो के
प्यासा ही गला काटा पानी न दिया तू ने
वो किस के नवासे हे भुके हे या प्यासे हे
इतना भी न सोचा मर्दूद जरा तू ने
सर अपना कटाइ इतनी भी परवा ना की तू ने बातिल की
साबास तुझे ए हुर क्या काम किया तू ने
मार कर भी कभी जालिम आराम न पायेगा
बघे गुले अहमद को पमन किया तू ने
~~Muharram Karbala Naat Lyrcis