हुदहुद पक्षी की जानकारी Hud hud bird In Hindi New

हुदहुद पक्षी की जानकारी Hud hud bird In Hindi – इस्लाम में हुदहुद पक्षी के बारें में भी वाक्या मिलता है ऐसे में आइये जाने हुदहुद पक्षी की पूरी जानकारी हिंदी में लिखा हुआ

हुदहुद पक्षी की विशेषताएं

हुद हुद वो वाहिद परिंदा है। जो जिंदगी में सिर्फ़ एक बार शादी करता है, अपने जीवन साथी के वफात के बाद अकेले ही जिंदगी गुजारता है,, ये अपनी “मादा महर” को खाने की कोइ चीज़ पेश करता है,अगर वो खा ले तो उसका ये मतलब की वो शादी के लिए राज़ी है। फिर नर उस मादा को अपने घोंसले की तरफ़ ले कर जाता है, अकसर औकात किसी दरख़्त में सुराख करके बनाया होता है। अगर उसको पसंद आ जाए तो दोनो रिश्ता जवाज़ मनसल्क हो जाते है।

मादा हर मोसम में उमूमन छा से आठ अंडे देती है। और बच्चे पैदा होने के बाद बारी बारी खुराक का बंदोबस्त कर लेती है,, अजीब बात ये है की दोनो में से किसी को खुराक की चीज़ मिल जाए तो, वो उसे अकेले नहीं खाते। बल्कि दोनो इकट्ठे होने के बाद उसे खा लेते है,,

इसी वजह से हज़रत सुलेमान अलैहि सलाम उससे जेर, जमीन पानी ढूंढने का काम लेते थे.. हुदहुद हजारों मील का सफर बेगैर रुके तय करने की ताकत रखता है,, इसी वजह से हज़रत सुलेमान अलैहि सलाम ने उसे दुसरे मुल्क मलिके बिलकीस को खत लिख कर भेजा था.. हुदहुद की अज़दवाजी जिंदगी आज की दौर की इंसानो के लिए एक मिसाल है। कि अकल न रखने के बा’वजूद एक दुसरे का कितना खयाल रखते है..

~ हुदहुद पक्षी की जानकारी Hud hud bird In Hindi

हुदहुद पक्षी की जानकारी Hud hud bird In Hindi

हुदहुद को कलगी कैसे मिली – एक बार सुलेमान नाम के बादशाह आकाश में उड़ने वाले अपने उड़नखटोले पर बैठे कहीं जा रहे थे। बड़ी गर्मी थी। धूप से वह परेशान हो रहे थे। आकाश में उड़ने वाले गिद्धों से उन्होंने कहा कि अपने पंखों से तुम लोग मेरे सिर पर छाया कर दो। पर गिद्धों ने ऐसा करने से मना कर दिया।

उन्होंने बहाना बनाते हुए कहा, “हम तो इतने छोटे-छोटे हैं। हमारी गर्दन पर पंख भी नहीं हैं। हम छाया कैसे कर सकते हैं! ” सुलेमान आगे बढ़ गए। कुछ दूर जाने पर उनकी भेंट हुदहुदों के मुखिया से हुई। सुलेमान ने उससे भी मदद माँगी। वह चतुर था। उसने फ़ौरन अपने दल के सभी हुदहुदों को इकट्ठा करके बादशाह सुलेमान के ऊपर छाया कर दी।

सुलेमान बोले, “मैंने गिद्धों से भी मदद माँगी थी। वे मेरी मदद कर सकते थे पर उन्होंने मेरी मदद नहीं की। तुम गिद्धों से छोटे तो हो पर चतुर अधिक हो। तुम सबने मिलकर मेरी सहायता की है। मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ। मैं तुम्हारी कोई इच्छा पूरी करूँगा। बताओ, तुम्हारी क्या इच्छा है?”

हुदहुद पक्षी का वाकया

मुखिया ने कहा, “महाराज, मैं अपने सभी साथियों से सलाह करने के बाद अपनी इच्छा बताऊँगा । ” मुखिया ने साथियों से सलाह करने के बाद कहा, “महाराज! यह वरदान दीजिए कि हमारे सिर पर आज से सोने की कलगी निकल आए। ” बादशाह हँसे और बोले – “मुखिया, इसका फल क्या होगा, यह तुमने सोच लिया है?”

मुखिया बोला “हाँ, महाराज! मैंने खूब परामर्श करके यह वर माँगा है। ” सुलेमान ने प्रार्थना स्वीकार कर ली। सभी हुदहुदों के सिर पर सोने की कलगी निकल आई। लोगों ने सोने की कलगी को देखा, तो वे हुदहुदों के पीछे पड़ गए। तीर से उन्हें मार-मारकर सोना इकट्ठा करने लगे। हुदहुदों का वंश समाप्त होने पर आ गया।

तब मुखिया घबराकर बादशाह सुलेमान के पास पहुँचा और बोला “इस सोने की कलगी के कारण तो हमारा वंश ही समाप्त हो जाएगा। सुलेमान ने कहा “मैंने तो शुरू में ही तुम्हें चेतावनी दी थी। खैर, जाओ, आज से तुम्हारे सिर का ताज सोने का नहीं, सुंदर परों का हुआ करेगा । ” और तभी से हुदहुदों के सिर पर परों का यह ताज (कलगी) शोभा पा रहा है।

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