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हज़रत सईद बिन ज़ैद Hazrat Saeed Bin Zaid in Hindi Full

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हज़रत सईद बिन ज़ैद | Hazrat Saeed Bin Zaid in Hindi

यह भी अशरए मुबश्शेरा यअनी उन दस सहाबियों में से हैं जिन को रसूले अकरम ने जन्नती होने की खुशखबरी सुनाई है। यह खानदाने कुरेश में से हैं। और ज़माने जाहिलियत के मशहूर मोवहहीद (एक खुदा को मानने वाला) ज़ैद बिन अम्र बिन नफील के बेटे और अमीरूल मोमिनीन हज़रत फ़ारूके अज़म के बहनोई हैं।

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यह जब मुसलमान हुए उन को हज़रत उमर ने रस्सी से बांध कर मारा और उन के घर में जाकर उन को और अपनी बहन फातिमा बिन्ते खत्ताब को भी मारा मगर यह दोनों इस्तकामत का पहाड़ बन कर इस्लाम पर जमे रहे।

जंगे बद्र में उन को और हज़रत तलहा को हुजूरे अकरम ने अबू सुफयान के काफिला का पता लगाने के लिए भेज दिया था। इस लिए जंगे बद्र के लड़ाई में हिस्सा न ले सके। मगर उस के बाद की तमाम लड़ाइयों में यह डट कर कुफ्फार से हमेशा जंग करते रहे।

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गन्दुमी रंग बहुत ही लम्बा कद, खूबसूरत और बहादुर जवान थे। तकरीबन 50 हिजरी में सत्तर बरस की उम्र पाकर मकामे ‘अतीक्” में विसाल फ़रमाया और लोगों ने आप के जनाज़ा मुबारका को मदीना मुनव्वरा लाकर आप को जन्नतुल बकीअ में दफ़न किया।

Hazrat Saeed Bin Zaid in Hindi

कुवाँ कब्र बन गया कहानी: एक औरत जिस का नाम अरवी बिन्ते अवैस था। उन के ऊपर हाकिमे मदीना मरवान बिन हकम की कचहरी में यह दावा दायर कर दिया कि उन्हों ने मेरी एक ज़मीन ले ली है। मरवान ने जब उन से जवाब तलब किया तो आप ने फरमाया कि में ने जब रसूलुल्लाहको यह फ़रमाते हुए सुना है कि जो शख्स किसी की बालिश्त बराबर भी ज़मीन ले लेगा तो क्यामत के दिन उस को सातों ज़मीनों का तौक़ पहनाया जाए गा तो इस हदीस को सुन लेने बाद भला यह क्यों कर मुमकिन है कि मैं किसी की ज़मीन ले लूँगा।

आप का यह जवाब सुन कर मरवान ने कहा! ऐ औरत! अब में तुझ से कोई गवाह तलब नहीं करूँगा। जा तू उस ज़मीन को ले ले। हज़रत सईद बिन जैद ने यह फैसला सुन कर यह दुआ मांगी।

ऐ अल्लाह ! अगर यह औरत झूठी है तो अंधी हो जाए और उसी ज़मीन पर मरे। चुनान्चे उस के बाद यह औरत अंधी हो गई। मुहम्मद बिन अम्र का बयान है कि मैं ने उस औरत को देखा है कि वह अंधी हो गई थी और दीवारें पकड़ कर इधर उधर चलती फिरती थी। यहाँ तक कि वह एक दिन उसी ज़मीन के एक कुवें में गिर कर मर गई और किसी ने उस को निकाला भी नहीं।

इस लिए वही कुआ उस की कब्र बन गई और एक अल्लाह वाले की दुआ की मकबूलियत का जलवा नज़र आ गया

मिश्कात जिल्द नं०2, सफा नं0546 व हुज्जतुल्लाह जिल्द नं० 2, सफा नं० 866 बहवाला बुखारी व मुस्लिम

जो जज़ब के आलम में निकले लबे मोमिन से
वह बात हक़ीक़त में तकदीरे इलाही है

Hazrat Saeed Bin Zaid in Hindi URDu Waqia | Story In Hindi

Hazrat Saeed Bin Zaid in Hindi

तबसेरा: अल्लाह वालों की यह करामत है कि उन की बहुत ज़्यादा और बहुत जल्द मकबूल हुआ करती हैं। और उन की ज़बान से निकले अलफाज़ का नतीजा ख़ुदा वन्दे करीम ज़रूर आलमे वजूद में लाता है। सच है। सच है सच है

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