हज का तरीका Hajj Karne Ka Tarika PDF हज और उमरा करने का तरीका हज का कुल खर्च 2022 हज के अरकान hajj karne ka tarika in Hindi urdu pdf
हर ऐसे आदमी पर जो अक़्ल वाला हो और बालिग़ हो, हज फ़र्ज़ है, जिसके पास इतनी रक़म हो जाए जिसके ज़रिए वह बैतुल्लाह शरीफ/हज तक आने-जाने का खर्चा और सफ़र के दिनों में अपने बाल-बच्चों का खर्चा अदा कर सकता हो । फिर उम्र भर में सिर्फ़ एक बार हज फ़र्ज़ है ।
किसी माजूर आदमी पर हज फ़र्ज़ नहीं है, चाहे वह कितना ही मालदार हो माज़ूर से मुराद अंधा, लंगड़ा, लूला, फ़ालिजज़दा, बहुत ज़्यादा बूढ़ा, न रहा हो, जो सफर के काबिल न रहा हो वगैरह।
हज का तरीका | Hajj Karne Ka Tarika
हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हर ओर के लोगों के लिए एक हद मुक़र्रर कर दी है, जिसे मीक़ात कहते हैं । जब आदमी वहां पहुंचे तो पहला सारा पहनावा बदल दे और ख़ास पहनावा (फ़क़ीराना) पहन ले, जिसे एहराम कहते हैं, जो बे-सिली दो चादरें होती हैं, एक को तहबंद के तौर पर बांध लिया जाता है, दूसरे को चादर के तौर पर बदन पर लपेट लिया जाता है।
- एहराम बांधने के बाद न तो खुशबू लगाना जायज़ है
- न कंधा करना
- सर खुला रखना होता है
- मोज़े और जुराबें नहीं पहनी जा सकतीं
- सिर्फ़ जूते पहने जा सकते हैं, जिसमें पांव अक्सर नंगा हो, वह बेहतर है।
- सिला हुआ कपड़ा पहनना नाजायज़ है।
- औरतें सर और मुंह छिपा सकती हैं, लेकिन मुंह पर कपड़ा चिमटा न रहे, बल्कि थोड़ा दूर हो।
- आदमी घर से भी एहराम बांध कर हज के सफ़र को रवाना हो सकता है।
- फिर एहराम बांधने के बाद हर उस वक़्त, जब बैठे, उठे, लेटे और कहीं से उतरे, और कहीं चढ़े, किसी क़ाफ़िले को मिले, जब नमाज़ पढ़कर फ़ारिग़ हो तो उस वक़्त ऊंची आवाज़ से पढ़े-
“लब्बैक अल्लाहुम-म लब्बैक ला शरी- क ल क लब्बैक इन्नल हम-द वन-निअ म त ल क वल मूल क ला शरी-क लक०”
Hajj Karne Ka Tarika | Hajj Ki Dua in Hindi
तर्जुमा
“ऐ अल्लाह ! मैं हाज़िर हूं, तेरा कोई शरीक नहीं, ऐ मेरे रब ! मैं हाज़िर हूं। बेशक सारी तारीफ़े और नेमतें तेरे लिए हैं और बादशाही में तेरा कोई शरीक नहीं”
जाने हज का तरीका | Hajj Karne Ka Tarika
- फिर मक्का मुकर्रमा पहुंचते ही बैतुल्लाह शरीफ़ पहुंचे।
- बैतुल्लाह पर जब नज़र पड़े, तो पुकार उठे—
‘ला इला-ह इल्लल्लाह व ला नअबुदु इल्ला इय्याहु मुखिलसी-न लहुद्दीन व लौ करिहल काफ़िरून०
Hajj Karne Ka Tarika | Hajj Ki Dua in Hindi
तर्जुमा
अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं। हम उसके सिवा किसी की इबादत नहीं करते, अपनी इताअत उसी के लिए ख़ास करते हैं, अगरचे उसे काफ़िर नापसन्द करें ।
- फिर बैतुल्लाह शरीफ़ पहुंचकर तलबिया (लब्बैक….) कहे कहता
- और दुआएं मांगता हुआ बैतुल्लाह का सात बार तवाफ़ करे
- तवाफ़ हजरे अस्वद से बोसा देकर शुरू करे और हर तवाफ़ के बाद उसे बोसा दे।
- अगर लोगों की भीड़ की वजह से बोसा मुम्किन न हो
- ऐसे में लकड़ी, उसे लगाकर या कपड़ा से उसे छूकर बोसा दे देना काफ़ी है।
- तवाफ़ की अलग-अलग दुआएं नक़ल की गई है हम दो-तीन नक़ल करते है।
‘बिस्मिल्लाहि अल्लाहु अक्बरु अल्लाहुम-म इन्नी अस अलुक्ल अफ़व वल आफ़ि-य-त फ़िद-दुन्या वल आखिरति सुबहानल्लाहि वल हम्दु लिल्लाहि व ला इला-ह इल्लल्लाहु वल्लल्लाहु अक्बर व ला हौ-ल व ला क्रू-व-त इल्ला बिल्लाहि”
Hajj Karne Ka Tarika | Hajj Ki Dua in Hindi
तर्जुमा
शुरू करता हूं अल्लाह के नाम से जो सबसे बड़ा है। ऐ अल्लाह ! मैं तुझसे दुनिया और आखिरत में माफ़ी और आफ़ियत चाहता हूं। अल्लाह पाक ज्ञात है और सब तारीफ़ अल्लाह के लिए हैं और अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और अल्लाह सबसे बड़ा है और अल्लाह की मदद के बग़ैर हम में किसी काम की ताक़त नहीं ।
‘अल्लाहुम-म अग्निनी बिमा रज़क़-तनी व बारिक ली फ़ीहि वख-लुफ़ अला कुल्लि ग़ाइबतिल ली बिख़ैरिन०
Hajj Karne Ka Tarika | Hajj Ki Dua in Hindi
तर्जुमा
ऐ अल्लाह ! जो कुछ तूने मुझे दिया है उस पर मुझे 98 क़नाअत नसीब फ़रमा और उसमें मेरे लिए बरकत अता फ़रमा और मेरी जो चीजें मेरे पास नहीं हैं उसकी बेहतर ख़बरगीरी फ़रमा।
- फिर मक़ामे इब्राहीम’ पर पहुंच कर दो रक्अत नमाज़ अदा करे।
- फिर सफ़ा और मरवह की ओर जाकर उनकी सई करे
- यानी सात बार उन पर दौड़ लगाए।
- दौड़ने की शुरुआत सफ़ा पहाड़ी से करे और मर्वः पर ख़त्म करे।
सई के दौरान की दुआएं | Hajj Ki Dua in Hindi
अल्लाहुम-म स्तअ-मिलनीran बि सुन्नति नबी यि-क व त-वफ़्फ़नी अला मिल्लति ही व अग़लानी मिन मुज़िल्लातिल फ़तन०
सई के दौरान की दुआएं | Hajj Ki Dua in Hindi
तर्जुमा
काम ले उसी तरीक़े पर जो तेरे नबी का तरीक़ा है और मुझे मौत दे उसी रास्ते पर जो तेरे नबी का रास्ता है और ज़िंदगी में बचा उन फ़िलों से जो सीधे रास्ते से यह करने वाले हैं।
रब्बिग़- फिर वर- हम व तजा वज्र अम्मा तालमु इन्न-क अन्तल अज्जल अकरम०
सई के दौरान की दुआएं | Hajj Ki Dua in Hindi
तर्जुमा
ऐ मेरे रब ! माफ़ कर और रहम कर मेरे जिन कुसूरों को तू जानता है, उनसे दर गुजर कर । तेरी ताक़त सबसे बढ़कर है और तेरा करम भी सबसे बढ़कर है।
हज कैसे किया जाता है | Haj Karne Ka Tarika Hindi
- फिर वापस आकर हजामत बनवाए, नहाए और एहराम खोल दे।
- हज के दिनों से पहले जब चाहे हरम की हदों से बाहर जाकर फिर एहराम बांध ले और उमरा अदा करे।
- उमरे की भी यही शक्ल है, जो बयान हुई यानी तवाफ़, सई और सफ़ा व मर्वः
- फिर जब हज के दिन आ जाएं, तो जहां हो, एहराम बांध ले और लब्बैक कहते हुए 8 जिलहिज्जा को मिना पहुंचे।
- वहां एक दिन और एक रात ठहरें, फिर 9 जिलहिज्जा सूरज निकलने के बाद मिना से अरफ़ात को तलबिया कहते हुए जाएं।
- ज़वाल के बाद खुत्बा सुनें, जो हज का अमीर दे रहा होता है
- फिर जुहर और अस्र की दोनों नमाज़े एक अजान और दो तक्बीरों के साथ पढ़ी जाती है
रब्बी अउजू बी क अन अस् अलुक मा लै-स ली बिही इल्मुन व इल्लम तग्फिर ली व तर्हमनी अकुम मिनल खासिरीन० फ़ातिरस्समावाति वल अर्जि अन-त वलीयि फ़िर-दुन्या व ल आखिरति त-वफ़्फ़नी मुस्लिमंव-व अल हिक्नी बिस्सालिहीन० इन-न रब्बी ल- समीउद्दुआ०
Hajj Karne Ka Tarika | Hajj Ki Dua in Hindi
तर्जुमा
ऐ रब! मैं तेरी पनाह चाहता हूं इस बात से कि मैं तुझसे ऐसा सवाल करूं जिसका मुझे केई इल्म नहीं और अगर तू मुझे न बख़्शे और मेरे ऊपर रहम न खाए, तो मैं घाटा पाने वालों में से होकर रहूंगा। ऐ आसमानों और ज़मीन के पैदा करने वाले ! तू ही मेरी दुनिया और आखिरत में कारसाज़ है। मुझे फ़रमांबरदार बनाकर मार, और मेरा हश्र नेक लोगों के साथ कर। बेशक मेरा रब दुआएं सुनने वाला है।
रब्बना ला तुआ खिज़ना इन नसीना औ अख़ताना रब्बना वला तमिल अलैना इसरन कमा ह-मलतहू अलल्ली-न मिन क़ब्लिना रब्बना व ला तुहम्मिलना मा ला ताक़त लना बिही वअ-फ़ अन्ना वरिफ़र लना वमना अन-त मौलाना फ़न्सुर्नी अलल क़ौमिल काफ़िरीन० रब्बना ला तुज़िग कुलू बना बा-द इज़ हदैतना व ह ब लना मिल-ल-दुन- क रहम: इन्न- क अन्तल वहाब०
Hajj Karne Ka Tarika | Hajj Ki Dua in Hindi
तर्जुमा
ऐ हमारे रब ! हमें न पकड़ जब हम भूल जाएं और हमसे ख़ता हो जाए। ऐ रब हमारे, ऐसा बोझ हमारे ऊपर न ऐबक रख, जो तूने हमसे पहले लोगों पर रखा था, ऐ रब हमारे, न लाद हम पर वह बोझ जिसकी हम ताक़त नहीं रखते। हमें माफ़ कर दे और हमें बख़्श दे। हम पर रहम फ़रमा, तू ही हमारा कर्ता-धर्ता है और काफ़िरों के खिलाफ़ हमारी मदद फ़रमा | ऐ रब हमारे ! न टेढ़ा कर हमारे दिलों को हिदायत बख्शने के बाद और अपनी ओर से ख़ास रहमत फ़रमा । बेशक तू ही तो है सब कुछ देने वाला ।
आगे पढ़े हज का तरीका | Hajj Ka Tarika
- फिर सूरज डूबते ही मुज़दलफ़ा के लिए लब्बैक कहते हुए कूच किया जाता है ।
- फिर मुज़दलफ़ा जाकर एक अज़ान और दो तक्बीरों के साथ पहले की नमाज़ और फिर इशा की नमाज़ पढ़ें ।
- सफ़र की वजह से सुन्नतें न पढ़े अलबत्ता वित्र ज़रूर पढ़े जाएं
- 10 ज़िलहिज्जा को सूरज निकलने से पहले मुज़दलफ़ा से मिना को चलना चाहिए
- और वहां से सात कंकरियां चने के बराबर साथ ले जाए।
- मिना पहुंचते ही सीधा जमरा उक़्बा के पास पहुंचे।
- जमरा उक़बा की ओर इस तरह मुंह करके खड़ा होना चाहिए कि बैतुल्लाह बाईं ओर हो और मिना दाएं ओर फिर जमरा उक़बा को सात कंकरियां मारे
- हर कंकड़ी मारते वक़्त अल्लाहु अकबर कहे
- कंकरियां मार कर यह दुआ पढ़नी चाहिए ।
‘अल्लाहुम-म मज – अलंहु लना हज्जम मबरूरन व जम्बन मग्रा० ‘
Hajj Karne Ka Tarika | Hajj Ki Dua in Hindi
तर्जुमा
(ऐ अल्लाह ! हज को कुबूल फ़रमा और गुनाह माफ़ फ़रमा)
- फिर मिना आकर क़ुरबानी करे फिर हजामत कराए, नहाए और एहराम खोल दे और
- अपना लिबास पहन ले, फिर बैतुल्लाह में जाकर दस्तूर के मुताबिक़ तवाफ़ करें ।
- फिर उसी दिन मिना वापस आ जाएं और 12-13 जिलहिज्जा तक मिना ठहरें ।
- 12 जिलहिज्जा तक फिर आना जरूरी है यह तवाफ़ 11, 12, 13 जिलहिज्जा को भी किया जा सकता है। फिर
- हर रोज़ तीन ज़वाल के बाद तीन जमरों यानी स्तूनो पर सात-सांत कंकरियां मारे।
- पहले और दुसरे जमरे को कंकरियां मारने के बाद जो दुआ चाहें, मांगें,
- तीसरे को मारते वक़्त यह दुआ पढ़ें जो नीचे दिया है
- फिर जब मदीना को रवानगी हो तो बैतुल्लाह का तवाफ़ किया जाता है।
अल्लाहु अक्बर अग़मन लिश शैतानि व हिबिही अल्लाहुम-म तस्दीक़म बि कि ताबि क व इत्तिबा अल- लिसुन्नतिक०’
Hajj Karne Ka Tarika | Hajj Ki Dua in Hindi
तर्जुमा
अल्लाह सबसे बड़ा है है । यह (मेरा कंकरिय मारना) शैतान और उसकी जमाअत को भगाने के लिए है। ऐ अल्लाह ! (मेरा यह काम ) मेरी किताब की तस्दीक़ के लिए है और तेरे नबी की पैरवी के लिए है ।
PDF HAJJ KA FULL TARIKA PDF
हज करने का तरीका लगभग मुक्कमल हो चूका है अगर आप हज का तरीका पीडीऍफ़ PDF डाउनलोड करना चाहते है तो हम आपके लिए जल्दी ही HAJJ KA TARIKA PDF में यहाँ शेयर करेंगे जिसे आप एक क्लिक से डाउनलोड कर सकते है
अगर आप हज यात्रा करना चाहते हो ऐसे में आपको हज के लिए रजिस्ट्रेशन करना होता है जिसका तरीका क्लिक से देखें साथ ही हज का खर्च कितना है? इस्लाम और दिन की बात शेयर करना सवाब का काम है तो शेयर करना न भूले