मुस्लिम निकाह कैसे होता है Muslim Ka Nikah Kaise Hota Hai Nikah Bayan PDF rules and regulations of marriage in islam nikah in muslim
मुस्लिम निकाह कैसे होता है Muslim Ka Nikah Kaise Hota Hai
कोई औरत बेवाह हो या तलाक़शुदा या कुंवारी, अगर बालिग़ है, तो वह खुद कम से कम दो अक़्ल वाले और बालिग़ मुसलमान गवाहों के सामने किसी मर्द से कहे कि मैं अपना निकाह तेरे साथ करती हूं और वह क़ुबूल कर ले तो निकाह हो गया या किसी नाबालिग लड़की का वली किसी को गवाहों के सामने कहे कि मैंने फ़्लां लड़की का निकाह तेरे साथ कर दिया और उसने क़ुबूल कर लिया, तो निकाह हो गया ।
गवाह कम से कम एक मर्द और दो औरतें हों, गवाहों का मुसलमान होना ज़रूरी है। अगर लड़की कुंवारी या नाबालिग़ है, तो उसका अपने मुंह से जवाब देना काफ़ी है अगर औरत बेवा या तलाक़शुदा है और बालिग़ है तो उसका अपनी इजाज़त से जवाब दिलाना ज़रूरी है।
मुसलमान औरत का निकाह मुसलमान मर्द के सिवा किसी के साथ जायज़ नहीं है। अगर औरत अहले किताब है, तो उसकी शादी मुसलमान मर्द से हो सकती है, लेकिन मुसलमान औरत की शादी किसी अहले किताब मर्द से नहीं हो सकती। निकाह की मज्लिस में ईजाब व क़ुबूल से पहले निकाह का खुत्बा पढ़ना मस्नून है ।
निकाह का खुतबा इन हिंदी | Muslim Ka Nikah
सब तारीफ़ अल्लाह के लिए हैं। हम उसी का गुणगान करते हैं, उसी से मदद चाहते हैं और उसी से बख्शिश चाहते हैं और उसी पर ईमान रखते है, उसी पर भरोसा करते हैं और हम पनाह तलब करते हैं अल्लाह की अपने नफ़्सों के शर से और अपने बुरे कामों से। जिसको वह हिदायत दे उसे कोई गुमराह नहीं कर सकता और जिसे वह गुमराह करे, उसे कोई हिदायत नहीं दे सकता और मैं गवाही दे सकता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम उसके बन्दे और रसूल हैं।
अल्लाह ने उन्हें हक़ के साथ भेजा है, जो खुशखबरी देने वाले और डराने वाले हैं क़ियामत के / आदमी इताअत करे अल्लाह और उसके रसूल की, पस वह सीधे रास्ते पर आ गया और जो इन दोनों की नाफ़रमानी करे, बस वह अपने सिवा किसी को नुक्सान न देगा और अल्लाह का भी कुछ न बिगाड़ सकेगा।
ऐ लोगो ! अपने रब से डरो जिसने पैदा किया तुमको एक जान से और उसी से उसका जोड़ा पैदा किया और फैलाए (पैदा करके) इन दोनों से बहुत से मर्द और औरतें और डरते रहो अल्लाह से जिसके वास्ते से आपस में सवाल करते हो और ख़बरदार रहो क़राबत वालों से । बेशक अल्लाह तुम पर निगहबान है।
ऐ ईमान वाले ! अल्लाह से डरो और ठीक-ठीक बात कहो । अल्लाह तुम्हारे कामों की इस्लाह करेगा, तुम्हारे गुनाह बख्श देगा और जिस आदमी ने अल्लाह और उसके रसूल की इताअत की, उसने कामियाबी हासिल की. बहत बड़ी कामयाबी | ऐ लोगो ! हमने तुम्हें एक मर्द और औरत से पैदा किया और तुम्हारी ज्ञातें और क़बाल ना दिए, ताकि तुम एक दूसरे की पहचान कर सको। तुम में से ख़ुदा के नज़दीक इज्ज़तदार वह है, जो ख़ुदा से ज़्यादा डरने वाला है।
बेशक अल्लाह जाननने वाला और ख़बर रखने और हम सवाल करते हैं अल्लाह से कि वह बनाए हमें उनमें से जो उसकी ताबेदारी करते हैं और उसके रसूल की करते हैं और उसकी रज़ा को ढूंढते हैं और उसके ग़ज़ब से बचते हैं। बेशक हम उसी के साथ हैं और उसी के लिए हैं ।
ऐ अल्लाह ! रहमत फ़रमा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर जो नबी उम्मी हैं और उनकी औलाद पर और उनके सहाबा पर और उनकी घरवालियों पर और उनकी औलाद पर और उनके तमाम ख़ानदान पर और सलामती नाज़िल फ़रमा जो ज़्यादा से ज़्यादा हो
Muslim Nikah Ki Dua | Nikah DUa In Hindi | Muslim Ka Nikah
फिर ईजाब व क़ुबूल के बाद निकाह करने वाले की ओर मुतवज्जह होकर कहा जाए, यानी यह दुआ दी जाए-
‘बारकल्लाहु ल-क व बारकल्लाह अलै-क व ज-म-अ बे-न कुमाफ़ी खैरिन सुब-हा-न रब्बिक रब्बिल इज़ति अम्मा यासिफ़ून० व सलामुन अलल मुरसलीन० वल-हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन०’
(अल्लाह ! (इस निकाह को) तेरे लिए बरकत की वजह बनाए। तेरे ऊपर बरकत नाज़िल करे और तुम दोनों (मियां-बीवी) को भलाई पर इकट्ठा रखे। पाक है तेरा रब जो इज़्ज़त का रब है, जिस तरह कि लोग उसकी खूबी बयान करते हैं और सलामती हो रसूलों पर और सब तारीफ़ अल्लाह ही के लिए हैं ।)
Nikah Haram Islam | हराम निकाह | Muslim Ka Nikah
- किसी औरत का अपने बाप-दादा, नाना, बेटा, पोता, भाई, मामूं, चचा, भतीजा, भांजा, दामाद, ससुर और ससुर के बाप से निकाह जायज़ नहीं है ।
- सौतेले बाप और सौतीली औलाद से भी निकाह जायज़ नहीं है।
- इसी तरह दूध शरीक भाई, उसकी औलाद से और उसके बाप से भी निकाह जायज़ नहीं है ।
- दो बहनों, फूफी, भतीजी, खाला, भांजी, वग़ैरह का एक मर्द के साथ एक वक़्त में निकाह जायज़ नहीं, अलबत्ता एक के मरने या तलाक़ के बाद दूसरी से निकाह जायज़ है
- दूध शरीक बाप, मामूं भांजे, भतीजे वग़ैरह से निकाह हराम है।
- चार से ज्यादा औरतें एक ही वक़्त में निकाह में रखना हराम है।
- किसी औरत ने किसी मर्द से जिना किया तो अब औरत की मां और उस औरत की औलाद का उस मर्द से निकाह करना जायज नहीं है, लेकिन जिना करने वाले मर्द और जिना करने वाली औरत की औलाद का आपस में निकाह जायज है
- लड़की का वली सबसे पहले बाप, फिर दादा, फिर परदादा, फिर सगा भाई, फिर सौतेला भाई, फिर भतीजा, फिर भतीजे का लड़का, फिर सगा चचा, फिर सौतेला चचा, फिर सगे चाचा का लड़का, फिर सौतेले चचा का लड़का, फिर बाप का चचा । अगर इनमें से कोई न हो, तो फिर मां, नानी, दादी, नाना, सगी बहन, सौतेली बहन वग़ैरह वली हैं।
- वाज़ेह रहे कि पहले नम्बर के आदमी के होते हुए दूसरे नम्बर वाला आदमी क़तई तौर पर वली नहीं बन सकता।
- आगे जाने मुस्लिम तलाक के नये नियम की जानकारी