जुम्मा के दिन पढ़ने वाली दुआ Jumma Ke Din Ki Dua jumma dua in hindi jumma dua in arabic जुमा की दुआ हिंदी में jumma mubarak dua
जमीन आसमान, पूरी कायनात एंव दिन एंव रात सब अल्लाह पाक के बनायें हुए है लेकिन जुमा का दिन इस्लाम के लिए बहुत है ऐसे में आइये जाने जुम्मा के दिन दुआ पढने के फायदे और जुम्मा के दिन पढ़ने वाली दुआ?
۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞
अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान बहुत रहमवाला है।
जुम्मा के दिन पढ़ने वाली दुआ
Jumma Ke Din Ki Dua
Jumma Ke Din Ki Dua: जो शख्स हुजुरे अक्दस सल्ल्ल्लाहु तआला अलैह वसल्लम से सच्ची मुहब्बत रखें, तमाम जहान से ज्यादा हुजूर की अजमत दिल में जमाए हुजुर की शान घटाने वालों बद मजहबों से बेजार और उन से दूर रहे वह अगर इस दुरुदे मक्बुल को हर रोज या बरोजे जुम्मा बाद नमाजे फज्र या बाद नमाजे जुम्मा मदीना तय्यिबा की जानिब यानी किब्ला से दाहिने हाथ तिछे दस्त बस्ता खड़े होकर पढ़े बेशुमार सवाब पाए
इस दुरुद को एक बार पढ़ने से १०० दुरुद का सवाब मिलता है तो जिसने १०० बार पढ़ा गोया दस हजार मरतबा दुरुद पढ़ने का सवाब पाया बेहतर है कि बाद नमाजे जुम्आ दो चार दस बीस आदमी मिलकर पढ़ें।
Juma Dua Fazail in Hindi
फंजाइल व फ़वाइद : इसके ४० फायदे हैं जो मुअत्तवर हदीसों से साबित हैं यहाँ चन्द जिक्र किये जाते हैं:-
- इस दुरुद शरीफ के पढ़ने वाले पर खुदाए तआला तीन हजार रहमतें नाजिल फरमाएगा
- उस पर दो हजार बार अपना सलाम भेजेगा
- पाँच हजार नेकियाँ उसके नामए आमाल में लिखेगा
- पांच हजार गुनाह मुआफ फरमाएगा
- उसके माथे पर लिख देगा कि यह दोजख से आजाद है
- अल्लाह उसे क्यामत के दिन शहीदों के साथ रखेगा
- उसके गाल में तरक्की और बरकत देगा
- उसकी औलाद और औलाद की औलाद में बरकत देगा
- दुश्मनों पर गल्बा देगा
- दिलों में उसकी मुँहब्बत रखेगा
- किसी दिन खाब में बरकते जियारते अक्दस से मुशर्रफ होगा
- ईमान पर खातिमा होगा
- क़यामत में हुजूर की शफाअत नसीब होगी
- अल्लाह तआला उससे ऐसा राजी होगा कि कभी नाराज न होगा
जुम्मा के दिन की फजीलत | Jumma Ke Din Ki Dua
बेशक! जुमे का दिन तमाम दिनों का सरदार है और अल्लाह के नजदीक सबसे ज़्यादा अजमत वाला है। यह दिन अल्लाह के यहां ईदुल फितर और ईदुलजुहां से भी ज़्यादा फजीलत रखता है। इस दिन की पांच खुसूसियात है।
- अल्लाह पाक ने इसी दिन आदम अलैहि. को पैदा किया।
- आदम अलैहि. को आज ही के दिन जमीन की तरफ उतारा।
- आदम अलैहि. की वफात भी इसी दिन हुई।
- जुमा के दिन में एक घड़ी ऐसी होती है कि उसमें बन्दा अल्लाह से जिस चीज का सवाल करता है
- अल्लाह पाक उसे वह अता करता है बशर्ते कि वह हराम का सवाल न करें।
- जुमा को ही कयामत कायम होगी और मुकर्रिब फरिश्ते, आसमान, जमीन, हवाएं, पहाड़ और समन्दर सब के सब जुमे के दिन से डरते है।”
- इस दिन को यानी जुम्मा को ईद का दिन भी कहा जाता है
- इससे जुम्मा के दिन की अहमियत का पता लगता है
- जुम्मा का दिन इस्लाम के इतिहास में बहुत ख़ास रहा है
- बेशक यह ईद का दिन है। जिसे अल्लाह ने सिर्फ मुसलमानों के लिए (ईद का दिन) बनाया है।
- जो शख्स जुमा की नमाज के लिए आए तो वह गुसल करे, खुश्बु हो तो जरूर लगाएं और तुम पर मिस्वाक करना लाजिम है।