सलातुल तस्बीह की नमाज़ Salatul Tasbeeh Namaz ka Tarika: इस्लाम में केवल पांच वक्त की नमाज पर जोर दिया गया है लेकिन कुछ नफ्ल नमाज भी है जिसे पढ़ने की बहुत फजीलत है जिसमे से एक नमाज सलातुल तस्बीह की नमाज़ है आइये जाने सलातुल तस्बीह नमाज़ की मुकम्मल जानकारी
सलातुल तस्बीह क्या होता है
जब हम सलातुल तस्बीह की नमाज पढ़ने का तरीका सीखने जा रहे है तो उससे पहले जानते है सलातुल तस्बीह नमाज होता क्या है? तो आपको बता दे सलातुल तस्बीह दो शब्दों से मिलकर बना है पहला सलात जिसका मतलब होता है नमाज और दूसरा तस्बीह जिसका मतलब होता है (ख़ास आयत) जो केवल सलातुल तस्बीह की नमाज में पढ़ी जाती है इस तरह से इस नमाज को सलातुल तस्बीह नमाज के नाम से जाना जाता है
TIME: सलातुल तस्बीह नमाज का टाइम
इस्लाम में दिन में पांच वक्त की नमाज पढ़ी जाती है जिसके नाम है – फज्र/जोहर/असर/मगरिब और ईशा, इन सभी नमाज के टाइम मुकर्रर है लेकिन बहुत से लोग सलातुल तस्बीह नमाज का टाइम नहीं जानते है ऐसे में बता दे सलातुल तस्बीह एक नफिल नमाज है जिसका कोई ख़ास समय (टाइम) नहीं है लेकिन जोहर नमाज से पहले सलातुल तस्बीह नमाज का टाइम अच्छा माना जाता है इसलिए इस नमाज को आप जोहर नमाज से पहले पढ़े लेकिन कोई भी नमाज मकरूह वक्तो में नहीं पढ़ी जाती है इसलिए इस नमाज को पढ़ते समय इस बात का ध्यान जरुर रखे
HIGHLIGHT Makruh Waqt Time
- तुलु आफताब यानी सूरज निकलना मकरूह वक्त है
- जवाल के वक्त जब सूरज बीच मे हो तो मकरूह वक्त है
- गरूब आफताब यानी सूरज डूबना भी मकरूह वक्त है
सलातुल तस्बीह की नमाज़ की फ़ज़ीलत
नमाज पढ़ने के बहुत से फायदे होते है लेकिन ख़ास सलातुल तस्बीह की नफिल नमाज शब ए बराअत पर पढ़ने के फायदे निम्न है जिनका जिक्र हदीस में किया गया है-
- हर कतरा पानी के बदले सात सौ रकात नफिल नमाजों का सवाब मिलेगा
- रोज़ी में बरकत, रंजो गम से निजात, गुनाहों की बख्शीश और मगफिरत हासिल हो
- गुनाहों से पाक साफ़ होगा, दुआएं कुबूल होंगी, सवाब ए अज़ीम हासिल होगा
- जो भी दुआएं मांगे इंशाअल्लाह कुबूल होंगी
- गुनाहों से ऐसा पाक साफ़ हो जाये जेसे माँ के पेट से अभी पैदा हुआ हो
- कियामत के रोज जब तक खातून ए जन्नत-
- शफाअत करवा के जन्नत में न भेज देंगी, खुद जन्नत में क़दम न रखेंगी |
NIYAT : सलातुल तस्बीह नमाज़ की नियत
- Salatul Tasbeeh Namaz ki Niyat IN Hindi
- मैं नियत करता हूं चार रकात नमाज सलातुल तस्बीह की
- नफिल वास्ते अल्लाह ताआला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ “अल्लाहू अकबर”
- Salatul Tasbeeh Namaz ki Niyat IN Arabic
- نَوَايْتُ اَنْ اُصَلِّىَ لِلَّهِ تَعَالَى ارْبَعَ رَكَعَاتِ صَلَوةِ التَّسْبِيْحِ سُنَّةُ رَسُوْلِ اللَّهِ تَعَالَى مُتَوَجِّهًا اِلَى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيْفَةِ اَللَّهُ اَكْبَرُ
- HIGHLIGHT: नमाज की नियत दिल के इरादे से हो जाती है
- लेकिन जुबानी नमाज की नियत करना चाहते है तो बताये हुए तरीका से करें
Salatul Tasbeeh Namaz: कितनी रकात होती है
- सलातुल तस्बीह की नमाज़ चार रकात/रकअत की होती है
- जिस तरह अन्य नमाज में चार रकात नमाज पढ़ते है
- ठीक ऐसे ही सलातुल तस्बीह नमाज़ पढ़ेंगे
- 2 रकात नमाज के नमाज के बाद सलाम नहीं फेरेंगे सीधे खड़े हो जायेंगे
- उसके बाद 2 रकात और मुकम्मल करेंगे
- जब 4 रकअत/रकात नमाज मुकम्मल हो जाएँ फिर सलाम फेरे
सलातुल तस्बीह नमाज़ का तरीका Salatul Tasbeeh Namaz Ka Tarika
चार रकात नमाज सलातुल तस्बीह नफिल नमाज़ की नियत करना होता है उसके बाद जिस तरह से अन्य नमाज पढ़ते है ठीक वैसे ही नमाज पढ़े लेकिन इस नमाज में सलातुल तस्बीह भी कहा कहा पढ़ना है आइये जाने
पहली रकात सलातुल तस्बीह की नमाज़
- बावुजू सलातुल तस्बीह नफिल नमाज़ की नियत करें
- “अल्लाहु अकबर” कहे
- “अल्लाहु अकबर” कहते समय दोनों हाथ कान की लो तक उठाये
- फिर हाथ पेट/नाभि के पास हाथ यूँ बांधे की दाया हाथ बाएं हाथ के ऊपर रहे
- हाथ बाँधने के बाद नमाज में पढ़ी जाने वाले सना पढ़े
- सना हिंदी में:
- “सुबहानका अल्लाहुम्मा व बिहम्दीका व तबारका इस्मुका व त’आला जद्दुका वाला इलाहा गैरुका”
- सना पढ़ने के बाद 15 बार तस्बीह पढ़े
- तस्बीह हिंदी में:
- “सुब्हानल्लाही वल् हम्दु लिल्लाहि वला इलाहा इल्लाहु वल्लाहु अकबर”
- अब “आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम, बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम” पढ़े
- इसके बाद सूरह फातिहा पढ़े
- एक और कोई भी सूरह पढ़े जैसे- सूरह फिल
- अब सीधे रुकू में चले जाएँ और 10 बार तस्बीह पढ़े
- इसके बाद “सुबहाना रब्बियल अज़ीम” 3 बार पढ़े
- फिर से सलातुल तस्बीह 10 बार पढ़े
- अब रुकू से उठ जाये “समिल्लाहु लिमन हमीदा” “रब्बना लकल हम्द” कहे
- इसके बाद फिर से 10 बार “सलातुल तस्बीह” पढ़े
- अब “अल्लाहु अकबर” कहते हुए सजदा में चले जाना है
- सजदे में 3 बार “सुब्हान रब्बि यल आला” पढ़े फिर 10 बार तस्बीह पढ़े
- अब सजदे से उठ जाएँ यानी जल्सा करें
- उठते समय (जलसा में जाते समय की दुआ) “रब्बीग़ फिरली रब्बीग़ फिरली” पढ़े
- फिर से सजदा करें “सुब्हान रब्बि यल आला” पढ़े
- सजदे में ही 10 बार तस्बीह पढ़े फिर दूसरी रकात नमाज के लिए खड़े हो जाएँ
दूसरी रकात सलातुल तस्बीह की नमाज़
- दूसरी रकात में आने के बाद 15 बार तस्बीह पढ़े
- फिर सूरह फातिहा पढ़े और कोई एक सूरह जो याद हो पढ़े जैसे – सूरह कौसर
- दुबारा से 10 बार तस्बीह पढ़े फिर “अल्लाहु कबर” कहते हुए रूकूअ में चले जाएँ
- रुकूअ में 3 बार “सुबहाना रब्बियल अज़ीम” कहे
- इसके बाद फिर से “10 बार तस्बीह पढ़े”
- “समिल्लाहु लिमन हमीदा” “रब्बना लकल हम्द” कहते हुए रुकूअ से खड़े हो जाएँ
- अब 10 मर्तबा तस्बीह पढ़े इसके बाद “अल्लाहु अकबर” कहते हुए सीधे सजदे में जाएँ
- अब सजदा में “सुब्हान रब्बि यल आला” 3 बार कहे
- इसके बाद सजदा से उठकर बैठ जाएँ उठे समय रब्बीग़ फिरली रब्बीग़ फिरली पढ़े
- 10 बार तस्बीह पढ़े
- इसके बाद फिर से सजदे में जाये और पढ़े 3 बार “सुब्हान रब्बि यल आला” पढ़े
- सजदे से उठ कर बैठ जाएँ और उठते समय रब्बीग़ फिरली रब्बीग़ फिरली पढ़े
- 10 बार तस्बीह पढ़े फिर तशाहुद पढ़े यानि अत्तहियत पढ़े
- सलातुल तस्बीह की तीसरी रकात नमाज के लिए खड़े हो जाएँ
तीसरी रकात सलातुल तस्बीह की नमाज़ का तरीका
- तीसरी रकात सलातुल तस्बीह की नमाज़ यूँ पढ़े
- सबसे पहले 15 बार तस्बीह पढ़े फिर सूरह फातिहा और सूरह फील पढ़े
- 10 बार तस्बीह पढ़े इसके बाद “अल्लाहु अकबर” कहते हुए रुकुअ में जाएँ
- रुकूअ की हालत में 3 बार “सुबहाना रब्बियल अज़ीम” कहे
- इसके बाद 10 बार तस्बीह पढ़े
- फिर “समिल्लाहु लिमन हमीदा” “रब्बना लकल हम्द” कहते हुए खड़े हो जाएँ
- फिरसे 10 बार तस्बीह पढ़े
- इसके बाद “अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाएँ
- सजदे की हालत में 3 बार “सुब्हान रब्बि यल आला” पढ़े फिर 10 बार तस्बीह पढ़े
- इसके बाद उठ कर बैठ जाएँ उठते समय रब्बीग़ फिरली रब्बीग़ फिरली पढ़े
- इसके बाद 10 बार तस्बीह पढ़े और फिर सजदे में चले जाएँ
- दुसरे सजदे में 3 बार सुब्हान रब्बि यल आला पढ़े फिर 10 बार तस्बीह पढ़े
- “”अल्लाहु अकबर” कहते हुए चौथी रकात सलातुल तस्बीह नमाज के लिए खड़े हो जाएँ
चौथी रकात सलातुल तस्बीह की नमाज़ का तरीका
- चौथी रकात सलातुल तस्बीह नमाज़ यूँ पढ़े
- सबसे पहले चौथी रकात नमाज के लिए खड़े हो जाएँ
- सूरह तस्बीह 15 बार पढ़े
- सुरह फातिहा पढ़े और सूरह फील पढ़े
- फिर से 10 बार तस्बीह पढ़े
- इसके बाद रुकूअ में “अल्लाहु अकबर” कहते हुए जाएँ
- फिर 3 बार “सुबहाना रब्बियल अज़ीम” पढ़े फिर 10 बार तस्बीह पढ़े
- इसके बाद समिल्लाहु लिमन हमीदा” “रब्बना लकल हम्द कहते हुए खड़े हो जाएँ
- फिर 10 बार तस्बीह पढ़े इसके बाद सजदे में “अल्लाह हु अकबर” कहते हुए जाएँ
- सजदे में 3 बार “सुब्हान रब्बि यल आला” कहे फिर 10 बार तस्बीह पढ़े
- सज्दे से उठे बैठ जाए और उठते समय रब्बीग़ फिरली रब्बीग़ फिरली पढ़े
- अब 10 बार तस्बीह पढ़े और “अल्लाहु अकबर” हुए सजदे में जाएँ
- सजदे में 3 बार “सुब्हान रब्बि यल आला” कहे फिर 10 बार तस्बीह पढ़े
- सज्दे से उठे बैठ जाए और उठते समय रब्बीग़ फिरली रब्बीग़ फिरली पढ़े
- इसके बाद अतहियात, दरुदे इब्राहीम और दुआ ए मशुरा पढ़े
- फिर पहले दाए उसके बाद बाएं सलाम फेरे
- सलाम फेरते समय “अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्ला” दोनों बार कहे
~ Salatul Tasbeeh Namaz ka Tarika Complete