शबे बारात की नमाज की नियत का तरीका Shab e Barat Ki Namaz Ki Niyat shab e barat namaz ka tarika in Hindi shab e barat ki namaz Niyat ka tarika In Hindi
नमाज इंसान की दुनिया और आखिरत दोनों के लिए बेहतर है दुनिया में नमाज सेहत के लिहाज से सबसे बढ़िया नेमत है अल्लाह की इस नेमत पर शुक्र अदा करना हर इंसान के लिए जरुरी है कुदरत का कानून है किसी नेमत की नकादरी न सिर्फ उस नेमत के छीन जाने की वजह बनती है बल्कि नेमत की नकादरी अल्लाह के गजब को दावत देने की वजह भी बनती है इसलिए अपनी सेहत पर ध्यान देने और सेहत के हिफाजत के लिए नमाज पढ़ना चाहिए
आखिरत में दुनिया दोनों में ही अल्लाह पाक नमाज जैसी नेमत का बदला अपने प्यारे बन्दों की झोली में भरता है इसलिए नमाज जितनी हो सके कसरत से अदा किया करो आइये जाने शबे बारात नमाज की नियत और तरीका हिंदी में?
शबे बारात की नमाज की नियत
नमाज पांच वक्त की पढ़ी जाती है लेकिन शबे बारात की नमाज साल में एक बार पढ़ी जाती है इसलिए अक्सर शबे बारात की नमाज की नियत भूल जाते है ऐसे में आइये जाने शबे बारात की नफिल नमाज का तरीका और Shab e Barat Ki Namaz Ki NIYAT
Shab e Barat Ki Namaz Ki Niyat
HIGHLIGHT Shab e Barat Ki Namaz Ki Niyat
- बरी की रात यानी शबे बारात की नफिल नमाज 6 रकात की होती है
- 2x2x2 करके नमाज पढ़ना होता है
- हर 2 रकात में शबे बारात की नफिल नमाज की नियत करें
- ध्यान रहें 2x2x2 यानी 6 रकात नमाज की नियत करना है
पहली 2 रकात शबे बारात नमाज की नियत
- नियत की मैंने शबे बरात की दो रकात नफ़्ल/नफिल नमाज की
- दर्ज़ा ए उम्र बिल आखिर के लिए खास वास्ते अल्लाह तआला के
- मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ~ अल्लाह हू अकबर
दूसरी 2 रकात शबे बारात नमाज की नियत
- नियत की मैंने शब ए बरात की दो रकात नफ़्ल नमाज की
- बालाओ से मेरी हिफाज़त के लिए खास वास्ते अल्लाह तआला के
- मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ~ अल्लाह हू अकबर
तीसरी 2 रकात शबे बारात नमाज की नियत
- नियत की मैंने शबे बरात की दो रकात नफ़्ल नमाज की
- अपने सिवाए किसी और का मोहताज़ ना बनाने वाले के लिए
- खास वास्ते अल्लाह तआला के
- मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ~ अल्लाह हू अकबर
NOTE: “अल्लाहु अकबर” कहते हुए दोनों हाथ कंधो तक उठायें फिर छोड़कर दोनों हाथ पेट/नाभि के पास बाँध ले इस तरह की दाहिना हाथ बाएं हाथ के ऊपर रहें
शबे बरात की नमाज का तरीका
- शबे बरात की नमाज पढ़ने का तरीका बहुत ही आसान है
- अगर सूरह दुआ याद हो तो कोई भी नमाज पढ़ा जा सकता है
- ठीक ऐसे शबे बरात की नमाज सूरह याद होने पर आसानी से पढ़ सकते है
- Namaz Shab e Barat Hindi में पहले ही बताया गया है
- इसलिए उस लेख को आपको पहले पढ़ना चाहिए
- बरी की रात यानी शबे बारात की रात अल्लाह पाक सबकी दुआ कबुल करता है
- इसलिए जितना कसरत से हो सके नमाज पढ़े और नेकी सवाब से मालामाल हो