शबे बरात की नात शरीफ लिरिक्स शबे बरात के ऊपर नात शरीफ Shab e Barat Naat lyrics New jago shab-e-barat naat lyrics shab e barat naat tahir qadri
शबे बरात की नात शरीफ | Shab e Barat Naat Lyrics
मेरे मेरे प्यारे इस्लामिक भाइयो और बहनों हर वर्ष की तरह इस साल भी शबे बारात का महीना आने वाला है शबे बरात की रात में अल्लाह की इबादत और गुनाहों की मांफी का दिन है इस दिन अल्लाह पाक से खुद के लिए और मरहूम जो इस दुनिया से जा चुके है उनके मग्फिरत की दुआ करते है अल्लाह रब्बुल इज्जत बहुत ही मेहरबान है आपके हमारे और जो इस दुनिया से जा चुके है सबके गुनाहों के मांफ करें-आमीन आइये पढ़े शबे बरात की नात शरीफ जो निम्नवत है लिखा हुआ
- जागो शबे बरात इबादत की रात है
 - पाई शबे बरात ये किस्मत की बात है
 
जागो शबे बरात इबादत की रात है नात शरीफ
Jago Shab e Baraat Ibadat Ki Raat Hai Lyrics in Hindi:-
- शबे बरात की नात शरीफ:
 - शबे बरात- शबे बरात शबे बरात- शबे बरात
 - शबे बरात- शबे बरात शबे बरात- शबे बरात
 - पाई शबे बरात ये किस्मत की बात है
 - जागूँगा सारी रात ये इबादत की रात है
 - पाई शबे बरात ये क़िस्मत की बात है
 - शबे बरात- शबे बरात शबे बरात- शबे बरात
 - मर्ज़ ए गुनाह से तौबा करुंगा
 - मैं फ़रमान ए मुस्तफ़ा है शफ़अ़त की रात है
 - जागूँगा सारी रात ये इबादत की रात है
 - पाई शबे बरात ये किस्मत की बात है
 - शबे बरात- शबे बरात शबे बरात- शबे बरात
 - होगी क़बूल सारे तलबगारों की फ़रियाद
 - बस दिल से पुकारो ये समाअ़त की रात है
 - जागूँगा सारी रात ये इबादत की रात है
 - पाई शबे बरात ये किस्मत की बात है
 - शबे बरात- शबे बरात शबे बरात- शबे बरात
 - सजदे करुंगा अश्क ए नदामत बहाऊंगा
 - सब कुछ मिलेगा मुझको इनायत की रात है
 - जागूँगा सारी रात ये इबादत की रात है
 - पाई शबे बरात ये किस्मत की बात है
 - शबे बरात- शबे बरात शबे बरात- शबे बरात
 - सारा जगाना छोड़ के मस्जिद चलो नादिम
 - रह़मत ही रह़मतें हैं ये बरकत की रात है
 - जागूँगा सारी रात ये इबादत की रात है
 - पाई शबे बरात ये किस्मत की बात है
 - शबे बरात- शबे बरात शबे बरात- शबे बरात
 
शबे बरात की नात शरीफ लिरिक्स
- शबे बरात की नात शरीफ:
 - नएरंग हैं अजूबा-ए-कुदरत शबे बरात
 - अल्लाह वालों के लिए रह़मत शबे बरात
 - शाबान की है पन्दरह तारीख की ये शब
 - क़ुर्बान हर तरहां से जिस पर की फ़ज़्ले रब
 - दर-अस्ल है ये रह़मतों बख्शिश का ख़ास दर
 - जिसके कमाल-ए-फ़ज़्ल से बाक़िफ़ हर बशर
 - फ़ज़्ले ख़ुदा का होता है इस रात में नुज़ूल
 - हर अहले दीं की होती है इसमे दुआ क़ुबूल
 - बे शक़ तमाम रातों में अफ़ज़ल ये रात है
 - क़ुर्बान इसकी शान पे कुल कायनात है
 - त्योहार है ये मज़हब-ए-इस्लाम का बड़ा
 - इसमें न्याज़ हल्वे पे होती है जा-बजा
 - पहुंचाया इसमें जाता है मुर्दों को भी सबाब
 - ऊपर से उनके टलता है इसके सबब अजाब
 - जिनके दिलों में होता है ख़ौफ़े ख़ुदा नसीम
 - क़ब्रों पे जाके फ़ातिहा पढ़ते हैं अहले दीन
 - बन्दों को ह़क़ ये ह़क़ से दिलाने के वास्ते
 - बन्दों को ह़क़ ये ह़क़ से दिलाने के वास्ते
 - आई ये रात सारे ज़माने के वास्ते शबे बरात
 
शबे बरात क्यों मनाया जाता है
इस्लाम में बहुत ख़ास दिन होता है शबे बरात, इस दिन खुद के गुनाहों के मांफी से मगफिरत की दुआ की जाती है साथ ही आज ही के दिन अल्लाह पाक हर एक इंसान की किस्मत में क्या है मौत से लेकर जिंदगी इत्यादि का फैसला करता है इसलिए शबे बारात का त्यौहार मनाया जाता है आगे जाने क्लिक से शबे बरात क्यों मनाया जाता है