फजर की नमाज का तरीका Namaz Ka Tarika Aurat Ki Namaz ka tarika PDF Namaz In Hindi PDF सुबह फजर की नमाज का तरीका फजर की नमाज हिंदी में लिखी हुई
दुनिया तो किराए का घर है एक दिन तो जाना पड़ेगा लेकिन जाने से पहले कुछ अपने भलाई के लिए कर लिया जाएँ तो बेहतर है क्योंकि इसके बिना जिंदगी का कोई मकसद नहीं है इंसान को अल्लाह रब्बुल इज्जत ने पैदा किया है इसलिए वह चाहता है “ए दुनिया के लोगो तुम मेरी इबादत किया करो” इबादत का तरीका बहुत आसान है इसलिए नमाज़ रोजाना पांच वक्त की पढ़ना होता है
ऐसे बहुत से भाई बहन है जिन्हें नमाज पढ़ने का तरीका नहीं पता होता है साथ ही कुछ लोग नमाज पढ़ने का तरीका जानते है लेकिन नमाज की सूरह/दुआ/दुआ मांगने का तरीका भूल जाते है ऐसे में आइये जाने फजर/फज्र की नमाज का तरीका और नमाज में क्या क्या पढ़ा जाता है साथ ही नमाज PDF हिंदी में
फजर की नमाज की रकात
मेरे मेरे प्यारे इस्लामिक भाइयों बहनों नमाज रोजाना /हर दिन पांच वक्त की नमाज पढ़ी जाती है और नमाज पढ़ने का तरीका लगभग सभी नमाज एक ही है लेकिन सभी नमाज में रकात होती है जैसे फजर नमाज की रकात चार है – दो सुन्नत नमाज रकात+दो फर्ज नमाज रकात = इस तरह से कुल फजर की चार रकात हुई
नमाज की नियत बांधने का तरीका
हर दिन पांच वक्त की नमाज पढ़ी जाती है:- फज्र, जोहर, असर, मगरिब और ईशा की नमाज, इन सभी नमाज की नियत पहले ही बताया गया है इस लेख में केवल फज्र नमाज की सुन्नत/फर्ज नमाज की नियत लिख रहे है
- फज्र की नमाज़ की नियत सुन्नत: नियत की मैंने दो रकअत नमाज फज्र की
- सुन्नत रसूल पाक की
- वास्ते अल्लाह तआला के
- पीछे इस इमाम के
- मुंह/रुख मेरा कआबा शरीफ की तरफ” अल्लाहु अकबर”
- फज्र की नमाज़ की नियत फर्ज: नियत की मैंने दो रकआत नमाज फ़ज्र की
- फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के
- पीछे इस इमाम के
- मुंह/रुख कआबा शरीफ की तरफ- अल्लाह हु अकबर
- “अल्लाह हु अकबर” कहते समय हाथो को कानो की लो तक ले जाना है
- फिर हाथ को पेट/नाभि के पास बाँध लेना है
नोट: अगर घर पर नमाज पढ़ रहे है तो “पीछे इस इमाम के” नमाज की नियत में छोड़ देना है क्योकि घर पर इमाम नहीं होते है मस्जिद में इमाम नमाज पढ़ाते है
फजर की नमाज का तरीका
फजर/फज्र की चार रकात नमाज पढ़ी जाती है जिसमे सबसे पहले फज्र की दो रकात सुन्नत नमाज पढ़ते है चलिए नमाज सीखें तो नमाज का तरीका हिंदी में निम्नवत है:-
1 स्टेप नमाज का तरीका
- बावुजू किब्ला रुख/मुख होकर खड़े हो जाइए
- अब सबसे पहले नमाज की नियत करें
- फजर की दो रकात नमाज की नियत सुन्नत की कुछ इस प्रकार है:-
- फज्र की नमाज़ की नियत सुन्नत: नियत की मैंने दो रकअत नमाज फज्र की
- सुन्नत रसूल पाक की वास्ते अल्लाह तआला के
- पीछे इस इमाम के मुंह/रुख मेरा कआबा शरीफ की तरफ” अल्लाहु अकबर”
- अब दोनों हाथो को “अल्लाहु अकबर” कहते हुए कानो की लो तक ले जाकर छोड़ दे
- उसके बाद हाथो को पेट/नाभि के पास बाँध ले
- हाथ बाँधने के बाद सबसे पहले सना पढ़े/फिर तअव्वुज तस्मिया पढ़े/फिर सूरह फातिहा/फिर सूरह इखलास पढ़े
- सना हिंदी में: सुबहा-न-कल्लाहम्म व् बि हम्दी- क व तबा-र-कस्मु-क व् तआला जद्दु-क व् ला इला-ह-गेरू-क
- तअव्वुज तस्मिया: अऊजु बिल्लाह मिनश-शैतानीर-रजीम बिस्मिल्लाहिर्रहूमानीर्रहीम
- सूरह फातिहा: अलहम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन
- अर्रहमान निर्रहीम. मालिकी यौमेद्दीन. इय्याका नाबुदु व इय्याका नस्तईन
- इहदिनस सिरातल मुस्तकीम. सिरातल लजिना अन अमता अलैहिम
- गैरिल मग्ज़ुबी अलैहिम वलज्जाल्लीन”- आमीन
- सूरह इखलास: कुल हुवल लाहू अहद अल्लाहुस समद लम यलिद वलम यूलद वलम यकूल लहू कुफुवन अहद
2 स्टेप नमाज का तरीका
- अब “अल्लाहु अकबर” कहते हुए रुकुअ में चले जाए
- रुकूअ: यानी झुक जाना है और दोनों हाथो को घुटने पर रख लेना है
- अब तीन बार रुकअ में तस्बीह पढ़े “सुबहा-न-रब्बियल अजीम “
- इसके बाद “समिअल्लाहु लीमन् हमिदह रब्बना लकलहम्द ” कहते हुए खड़े हो जाएँ
- अब “अल्लाहु अकबर” कहते हुए सीधे सज्दे के लिए चले जाये
- सज्दे में तीन बार तस्वीह कहे- ““सुब्हाना रब्बीयल आला”
- इसके बाद “अल्लाहु अकबर” कहते हुए एक ख़ास तरीके से बैठ(जल्सा) जाना है
- इसके बाद फिर से “अल्लाहु अकबर” कहते हुए सज्दे में जाना है और तीन बारे कहे ““सुब्हाना रब्बीयल आला”
- नोट: सुन्नत फजर/फज्र की हम दो रकात नमाज पढ़ रहे है जिसमे से हमने अभी तक एक रकात नमाज पढ़ लिए है स्टेप 3 में आगे पढ़े
3 स्टेप नमाज का तरीका
- अब “अल्लाहु अकबर” कहते हुए सज्दे से सीधे खड़े होकर हाथ को बांध ले
- इसके बाद “तअव्वुज तस्मिया पढ़े/फिर सूरह फातिहा/फिर सूरह कौसर पढ़े
- तअव्वुज तस्मिया: अऊजु बिल्लाह मिनश-शैतानीर-रजीम बिस्मिल्लाहिर्रहूमानीर्रहीम
- सूरह फातिहा: अलहम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन
- अर्रहमान निर्रहीम. मालिकी यौमेद्दीन. इय्याका नाबुदु व इय्याका नस्तईन
- इहदिनस सिरातल मुस्तकीम. सिरातल लजिना अन अमता
- अलैहिम गैरिल मग्ज़ुबी अलैहिम वलज्जाल्लीन”- आमीन
- सूरह कौसर:इन्ना आतैना कल कौसर फसल्ली लिरब्बिका वनहर इन्ना शानियाका हुवल अब्तर
- इसके बाद “अल्लाहु अकबर” कहते हुए पहले की ही तरह रुकुअ में चले जाएँ
- रुकूअ में तीन मर्तबा पढ़े “सुबहा-न-रब्बियल अजीम”
- इसके बाद “समिअल्लाहु लीमन् हमिदह रब्बना लकलहम्द” कहते हुए खड़े हो जाएँ
- फिर “अल्लाहु अकबर” कहते हुए सीधे सजदे में चले जाएँ और तीन बारे पढ़े “सुब्हाना रब्बीयल आला”
- अब “अल्लाहु अकबर” कहते हुए ख़ास तरीके से बैठ जाएँ
- फिर से “अल्लाहु अकबर” कहते हुए सजदे में चले जाएँ और 3 बार पढ़े “सुब्हाना रब्बीयल आला”
- अब “अल्लाह हु अकबर” कहते हुए बैठ(काएदह) जाएँ
4 स्टेप नमाज का तरीका
- बैठने(काएदह) के बाद पढ़े:- अत्तहिय्यातु/दरूद शरीफ/दुआए मसुरा
- अत्तहिय्यातु हिंदी में: अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलवातु वत्तैय्यिबातु,
- अस्सलामु अलैक अय्युहन्नबिय्यु व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु, अस्सलामु अलैना
- व अला इबादिल्लाहिस्सालिहीन,
- अश्हदु अल्लाइलाह इल्लल्लाहु व अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु।
- दरूद शरीफ हिंदी में: अल्लाहुम्मा सल्लिअला मुहम्मदिव वा आला आलि मुहम्मदिन
- कमासल्लैता आला इब्राहीमा वा आला आलि इब्राहीमा इन्नाका हमीदुम मजीद
- अल्लाहुम्मा बारिक आला मुहम्मदिव वा आला आलि मुहम्मदिन कमाबारकता
- आला इब्राहीमा वा आला आलि इब्राहीमा इन्नाका हमीदुम मजीद
- दुआए मसुरा हिंदी में: अल्लाहुम्मा इन्नी ज़लमतू नफ़्सी ज़ुलमन कसीरा,
- वला यग़फिरुज़-ज़ुनूबा इल्ला अनता, फग़फिरली मग़ फि-र-तम्मिन ‘इनदिका,
- वर ‘हमनी इन्नका अनतल ग़फ़ूरूर्र रहीम
- इसके बाद सलाम फेरे पहले दाए फिर बाए
- सलाम फेरते वक्त दोनों बार पढ़े ““अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्ला”
सलाम फेरने की बाद की दुआ
अल्लाहुम्मा अन्तास्सलाम व् मीनकस्सलाम तबारकता या जल जलाली वल इकराम”
फातिमा तस्वीह
- 33 मर्तबा सुबहान अल्लाह, 33 मर्तबा अलहम्दु लिल्लाह, 33 मर्तबा अल्लाहु अकबर
- इसके बाद यह दुआ पढ़े: ला इलाहा इल्लल्लाहु वहदाहु ला शरीका लहू,
- लाहुल मुल्कु, वा लाहुल ‘हम्दू, वहुवा आला कुल्ली शाय- इन कदीर ।
- अलहम्दुलिल्लाह व सुब्हानल्लाही, वाला इलाहा इल्लल्लाहु वालाहू अकबर,
- वाला ‘हवला वाला कुव्वता इल्ला बिल्ला
- अब आयतल कुर्सी पढ़े- इस तरह से फजर/फज्र की दो रकात नमाज सुन्नत नमाज मुकम्मल हुआ
आयतल कुर्सी हिंदी में
- अल्लाहु ला इलाहा इल्लाहू अल हय्युल क़य्यूम
- ला तअ’खुज़ुहू सिनतुव वला नौम लहू मा फिस सामावाति वमा फ़िल
- अर्ज़ मन ज़ल लज़ी यश फ़ऊ इन्दहू इल्ला बि इजनिह यअलमु
- मा बैना अयदी हिम वमा खल्फहुम वला युहीतूना बिशय
- इम मिन इल्मिही इल्ला बिमा शा..अ वसिअ कुरसिय्यु हुस समावति वल अर्ज़
- वला यऊ दुहू हिफ्ज़ुहुमा वहुवल अलिय्युल अज़ीम