उनका मांगता हूं जो मांगता नहीं होने देते नात शरीफ Unka Mangta hu Jo Mangta Nahi Hone Dete Naat Lyrics in English: नात शरीफ, नात ए पाक, सोनिया की नात लेकर हाजिर है अगर आपको नात ए पाक पढ़ना पसंद है ऐसे में यह नात ए कलाम आपको पसंद आएगा
उनका मांगता हूं जो मांगता नहीं होने देते
नात ए पाक | उन का मांगता हूं जो मांगता नहीं होने देते |
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शायर | तन्वीरुल्लाह शाकिर |
नात-ख़्वाँ | हाफ़िज़ ताहिर क़ादरी, ग़ुलाम मुस्तफ़ा क़ादरी, क़ारी शाहिद महमूद |
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क्रेडिट | NaatHindi.com |
पोस्ट तारीख | 20/12/2022 |
पोस्ट अपडेट | 20/12/2022 |
अन्य नात शरीफ | तू कुजा मन कुजा हिंदी में नात ए पाक |
उनका मांगता हूं जो मांगता नहीं होने देते नात शरीफ
- उन का मँगता हूँ, जो मँगता नहीं होने देते
- ये हवाले मुझे रुस्वा नहीं होने देते
- उन का मँगता हूँ, जो मँगता नहीं होने देते
- मेरे हर ‘ऐब की करते हैं वो पर्दा-पोशी
- मेरे जुर्मों का तमाशा नहीं होने देते
- उन का मँगता हूँ, जो मँगता नहीं होने देते
- अपने मँगतों की वो फ़ेहरिस्त में रखते हैं सदा
- मुझ को मोहताज किसी का नहीं होने देते
- उन का मँगता हूँ, जो मँगता नहीं होने देते
- है ये ईमान कि आएँगे लहद में मेरी
- अपने मँगतों को वो तन्हा नहीं होने देते
- उन का मँगता हूँ, जो मँगता नहीं होने देते
- ना’त पढ़ता हूँ तो आती है महक तयबा की
- मेरे लहजे को वो मैला नहीं होने देते
- उन का मँगता हूँ, जो मँगता नहीं होने देते
- आप की याद से रहती है नमी आँखों में
- मेरे दरियाओं को सहरा नहीं होने देते
- उन का मँगता हूँ, जो मँगता नहीं होने देते
- हुक्म करते हैं तो मिलते हैं ये मक़्ते, शाकिर
- आप न चाहें तो मतला’ नहीं होने देते
Unka mangta hu Jo Mangta nahi Hone Dete Naat Lyrics
- Un ka Mangta Hoon Jo Mangta Nahin Hone Dete
- Yeh Hawaale Mujhe Ruswa Nahin Hone Dete
- Log Mushkil Mein Zamaane Ki Taraf Dekhte Hain
- Hum Muhammad Ke Gharaane Ki Taraf Dekhte Hain
- Mere Har Aib Ki Karte Hain Woh Parda Poshi
- Mere Jurmon Ko Tamaasha Nahin Hone Dete
- Apne Mangton Ki Fehrist Mein Rakhte Hain
- Mujhe Mujhko Mohtaaj Kisi Ka Nahin Hone Dete
- Naat Padhta Hoon To Aati Hai Mehek Taiba Ki
- Mere Lehje Ko Woh Maila Nahin Hone Dete
- Hai Yeh Imaan Ke Aayenge Lehed Mein Meri
- Apne Mangton Ko Woh Tanha Nahin Hone Dete
- Mere Halaat Hi Aaqa Mere Dushman Thehre
- Mujhko Deedaar-E-Madina Nahin Hone Dete
- Hukm Karte Hain To Milte Hain Yeh Maqte “Shakir”
- Aap Na Chaahein To Matla Nahin Hone Dete
- Un ka Mangta Hoon Jo Mangta Nahin Hone Dete
- Yeh Hawaale Mujhe Rushwa Nahin Hone Dete
- Ghous-E-Aazam Mere Khwaja Mere Aala Hazrat
- Yeh Sahaare Mujhe Gumraah Nahin Hone Dete